भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार हो या उसके द्वारा शासित राज्य सरकारें हों, सबकी लोकप्रियता न सिर्फ गिरी है अपितु उनसे जनता की नाराजगी भी बढ़ी है. सत्ता-समर्थक कुछ मीडिया संस्थानों के हाल के सर्वेक्षण भी इसकी तस्दीक़ करते हैं. इसके बावजूद भाजपा सरकारें जनविरोधी फैसले लेने से परहेज क्यों नहीं कर रही हैं? आखिर भावी चुनावों को लेकर उनमें किसी तरह की चिंता क्यों नहीं दिखती? किस ब्रह्मास्त्र का उन्हें भरोसा है? #AajKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण