NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
नाइजरः संशोधित न्यूनतम वेतन लागू न करने पर श्रमिकों ने दी हड़ताल की चेतावनी
नाइजीरियाई संघीय सरकार ने अप्रैल 2019 में एक क़ानून पारित किया, जिसके तहत न्यूनतम वेतन नाइजीरियाई करेंसी (एन) 18,000 (यूएसडी 49.36) से बढ़ाकर एन 30,000 (यूएसडी 82.27) कर दिया गया है लेकिन राज्य सरकारों के कर्मचारियों को अभी तक इसके अनुसार वेतन नहीं मिला है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Jan 2020
nigeria

अफ़्रीकी देश नाइजीरिया के नाइजर की राज्य सरकार को ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम वेतन के मुद्दे पर 4 फ़रवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। इन यूनियनों ने कहा है कि अगर सरकार पिछले आठ महीनों से अपने कर्मचारियों को बकाए के साथ-साथ संशोधित न्यूनतम वेतन देने में विफल रहती है तो वे इस पर सख़्त क़दम उठाएंगे। नए न्यूनतम वेतन को 18 अप्रैल 2019 को नाइजीरिया की संघीय सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था।

पिछले सप्ताह नाइजर की राजधानी मिन्ना में यूनियनों के राज्य कार्यकारी परिषद (एसईसी) की एक आपात बैठक के बाद राज्य के राज्यपाल को "अनिश्चित हड़ताल की कार्रवाई के 21 दिनों के अल्टीमेटम की नोटिस" नाम का एक पत्र भेजा गया था। इस पत्र पर नाइजीरियाई लेबर कांग्रेस (एनएलसी) और ट्रेड यूनियन कांग्रेस (टीयूसी) के नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे।

सरकार को पहले भेजे गए पत्र में उठाए गए मुद्दे पर पर्याप्त रुप से जवाब देने को लेकर नाइजर राज्य की सरकार की "अक्षमता" के बारे में शिकायत करते हुए शुक्रवार को लिखे गए पत्र में कहा गया कि "राज्य के संगठित श्रमिकों ने 4 फ़रवरी 2020 यानी सोमवार से पहले बकाया राशि के भुगतान, संगत समायोजन और नए न्यूनतम वेतन एन 30,000 (यूएसडी 82.27) को लागू करने के लिए सरकार से समाधान कर लिया है।" यदि सरकार इन मांगों को पूरा करने में विफल रहती है तो यूनियनें हड़ताल शुरू करेंगी।

वर्ष 2018 से लेबर यूनियनों के दबाव का सामना करने के बाद ऑल प्रोग्रेसिव्स कांग्रेस (एपीसी) के अध्यक्ष मुहम्मदु बुहारी ने 18 अप्रैल 2019 को अंततः विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया जिसमें नाइजीरियाई करेंसी (एन) 18,000 (यूएसडी 49.36) से एन 30 000 [यूएसडी 82.27] तक न्यूनतम वेतन में वृद्धि को लेकर तत्काल प्रभाव से लागू करने का प्रावधान था।

हालांकि, यूनियनों और सरकार के बीच असहमति इस बात पर बनी रही कि न्यूनतम वेतन से ऊपर कमाने वालों के वेतन में क्या संगत वृद्धि होनी चाहिए। इन विवादों को आंशिक रूप से अक्टूबर में हल किया गया था क्योंकि यूनियनों ने एक बड़ा हड़ताल करने की धमकी दी थी जो नाइजीरिया को पंगु बना सकती थी।

हालांकि अक्टूबर समझौते ने संघीय सरकार द्वारा नियोजित लोगों के वेतन को लेकर मुद्दों को हल कर लिया लेकिन राज्य सरकारों के लिए काम करने वाले लोक सेवकों को अपनी बढ़ी वेतन को प्राप्त करना बाकी है। द नेशनल ने रिपोर्ट किया कि नाइजर सहित 15 राज्य "नए न्यूनतम वेतन के परिणामस्वरूप वेतन के वृद्धि पर अभी तक सहमत नहीं हैं।"

केवल कुछ राज्य जिनमें लागोस, कडुना, बाउची, कस्तिना और बोर्नो शामिल हैं उन्होंने ट्रेड यूनियनों के साथ समझौते किए हैं और कुछ राज्यों ने इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू की है।

पिछले महीने, 2020 के बजट का विश्लेषण पेश करते हुए नाइजर राज्य के वित्त आयुक्त अल्हाजी ज़कारी अबुबकर ने कहा कि ये राज्य सरकार संघ द्वारा अनुमोदित एन 30,000 का वेतन भुगतान करने में सक्षम होगी। उन्होंने बताया, "हम पहले से ही एन22,500 [यूएसडी 61.90] का भुगतान कर रहे हैं, अब हमें एन7,500 [यूएसडी 20.57] की आवश्यकता है, हमने बजट में इसका ध्यान रखा है। संसाधन निवेश से न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ेंगे।”

हालांकि, अबुबकर ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि राज्य के श्रमिकों के लिए संशोधित न्यूनतम वेतन का भुगतान कब से शुरू होगा, केवल उन्होंने कहा कि, “यह 2020 का बजट है। बजट में सब कुछ 2020 में लागू किया जाएगा।“ उन्होंने कहा कि ये सब विधानसभा के सदन द्वारा राजकोषीय अनुमानों की मंजूरी के बाद और राज्यपाल की सहमति प्राप्त करने के बाद लागू किया जाएगा।

हालांकि इस बीच श्रमिक अपना धैर्य खो रहे हैं क्योंकि 11% की मुद्रास्फीति दर उनके वास्तविक आय को डकार रही है। 23% की चिंताजनक बेरोज़गारी की दर एक ऐसे देश में मज़दूरी दरों में गिरावट का दबाव बढ़ा रही है जहां 86.9 मिलियन लोग अत्यधिक ग़रीबी में जी रहे हैं जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है।

साभार: पीपल्स डिस्पैच

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Alhaji Abubakar Sani Bello
Alhaji Zakari Abubakar
All Progressives Congress
minimum wages
Muhammadu Buhari
Niger
Nigerian Labor Congress
Trade Union Congress
Workers Strike

Related Stories

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है

माली से फ़्रांसीसी सैनिकों की वापसी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत है

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

निर्माण मज़दूरों की 2 -3 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल,यूनियन ने कहा- करोड़ों मज़दूर होंगे शामिल

यूपी में अनीमिया, भुखमरी के शिकार बच्चे बढ़े, दिल्ली में श्रमिकों ने की हड़ताल और अन्य ख़बरें

दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की

एमएसआरटीसी हड़ताल 27वें दिन भी जारी, कर्मचारियों की मांग निगम का राज्य सरकार में हो विलय!


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License