ग्राउंड रिपोर्ट में मुज़फ़्फ़नगर के जौला गांव में पहुंची वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह, जहां 2013 के सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों को पनाह मिली। किसान आंदोलन के भविष्य का रास्ता जौला गांव से होकर ही जाता है, क्योंकि अब महापंचायत ने इलाके में दंगा न होने देने और नफ़रत के ख़ात्मे का ऐलान किया है।