मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव डी राजा को शुक्रवार को श्रीनगर हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया और शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। माकपा ने इसके लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए इसे उसका अधिनायकवादी रवैया बताया है।
वाम दलों के नेता अपने पार्टी सहयोगियों से मिलने श्रीनगर गए थे।
येचुरी ने ‘पीटीआई’ से फोन पर कहा,‘‘उन्होंने हमें एक कानूनी आदेश दिखाया जिसमें श्रीनगर में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं देने की बात कही गई थी। इसमें कहा गया था कि सुरक्षा कारणों से पुलिस संरक्षण में भी शहर में जाने की अनुमति नहीं है। हम अब भी उनसे बातचीत की कोशिश कर रहे हैं।’’
इसके बाद पता चला कि दोनों नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया।
येचुरी और राजा ने राज्यपाल सत्य पाल मलिक को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर अपनी यात्रा की सूचना दी थी और उनसे अनुरोध किया था कि उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाए।
माकपा महासचिव येचुरी ने कहा, ‘‘हम दोनों ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि हमारी यात्रा में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए... इसके बावजूद हमें हिरासत में ले लिया गया। मैं अपने बीमार सहकर्मी और यहां मौजूद हमारे सहयोगियों से मिलना चाहता था।’’
येचुरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इसकी जानकारी दी।
वाम नेता माकपा विधायक मोहम्मद तारिगामी और पार्टी के अन्य सहयोगियों से मिलने के लिए श्रीनगर गये थे।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया था और श्रीनगर हवाईअड्डे से दिल्ली वापस भेज दिया गया था।
माकपा ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर अपने महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा को हिरासत में लिये जाने को लेकर शुक्रवार को सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि यह एक अलोकतांत्रिक कृत्य है जो भाजपा के ‘अधिनायकवादी चेहरे’ को दिखाता है।
माकपा ने एक बयान में कहा, ‘‘ पोलित ब्यूरो लोगों से भाजपा सरकार के इस अलोकतांत्रिक कृत्य का विरोध करने का आह्वान करता है। यह भाजपा सरकार के अधिनायकवादी चेहरे को दिखाता है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)