NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
फिल्में
भारत
राजनीति
यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जीत है : 'पद्मावत' पर श्याम बेनेगल
"समस्या फैलाने वाले इन समूहों से निपटने में राज्य सरकारों को कुछ भी रोक नहीं रहा है। जब तक कि वे (सरकारें) खुद ही इन लोगों के साथ मिली ना हों..कुछ भी उन्हें (सरकारों को कार्रवाई से) भला कैसे रोक सकता है?"
आईएएनएस
18 Jan 2018
shyam benegal
courtesy : NDTV

नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)| फिल्मकार श्याम बेनेगल ने गुरुवार को फिल्म 'पद्मावत' पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जीत है। 

संजय लीला भंसाली की फिल्म की रिलीज पर कुछ राज्यों में लगी रोक को न्यायालय ने हटा दिया है। 

सेंसर बोर्ड में आज के वक्त के हिसाब से बदलावों को सुझाने के लिए बनाई गई सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की समिति की अध्यक्षता कर चुके श्याम बेनेगल ने आईएएनएस से कहा कि एक बार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म को हरी झंडी दिखा दी, तो अब कोई भी फिल्म की रिलीज रोक नहीं पाएगा।

राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों ने अपने राज्यों में फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बेनेगल ने कहा कि कुछ संगठनों द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का हवाला देते हुए 25 दिसम्बर को 'पद्मावत' की रिलीज पर प्रदर्शन करने की धमकी के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए।

बेनेगल ने आईएएनएस से फोन पर कहा, "विवाद खत्म हो चुका है। यह फिल्म पूरे देश में दिखाई जाएगी। सीबीएफसी ने फिल्म को मंजूरी दे ही दी है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर मुहर लगा दी है। कुछ भी इसे रोक नहीं सकता, सिवाय कुछ लोगों के जैसे करणी सेना या फिर जो कोई भी यह हैं...अगर वे इसे रोकते हैं तो यहां कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा होगी और राज्य सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।"

उन्होंने कहा, "स्पष्ट रूप से यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जीत है।"

'अंकुर', 'निशांत', 'मंथन' और 'भूमिका' जैसी सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले 83 वर्षीय निर्देशक फिल्म पर तब भी सवाल उठाए जाने से हैरान हैं, जब निर्माताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि फिल्म 16वीं शताब्दी के कवि मलिक मुहम्मद जयसी के महाकाव्य 'पद्मावत' पर आधारित है।

उन्होंने कहा, "आखिरकार, सीधी सी बात है कि 'पद्मावत' एक महाकाव्य है। यह 1526 में लिखा गया था, ना कि कल या आज। हमने साहित्यिक क्लासिक को स्वीकार किया है, जो 1526 से यहां है जब मलिक ने इसे लिखा था। और, अब तथ्य यह है कि कई-कई सालों बाद, कुछ छोटे संगठन यह कह रहे हैं कि यह उनकी भावनाओं को आहत कर रहा है। इसका क्या अर्थ है?"

उन्होंने दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म के लिए सीबीएफसी और सर्वोच्च न्यायालय के 'सही कदम' की सराहना करते हुए विवाद पर कहा, "यह शोर मचाने वाले लोगों के छोटे समूह को छोड़कर किसी को भी समझ नहीं आ रहा है।"

सीबीएफसी ने 'पद्मावत' को पिछले साल 30 दिसंबर को यू/ए प्रमाण पत्र देने का फैसला किया था। फिल्म का नाम 'पद्मावती' से बदलकर 'पद्मावत' कर दिया था, साथ ही पांच संशोधन किए थे। 

लेकिन, राजपूत संगठन श्री राजपूत कर्णी सेना अपनी मांग पर अड़ा है कि फिल्म प्रदर्शित नहीं की जानी चाहिए।

इस पर बेनेगल ने कहा, "समस्या फैलाने वाले इन समूहों से निपटने में राज्य सरकारों को कुछ भी रोक नहीं रहा है। जब तक कि वे (सरकारें) खुद ही इन लोगों के साथ मिली ना हों..कुछ भी उन्हें (सरकारों को कार्रवाई से) भला कैसे रोक सकता है?"

--आईएएनएस

shyam benegal
padmavati
padmavat
freedom of expression
Supreme Court

Related Stories

फ़िल्म निर्माताओं की ज़िम्मेदारी इतिहास के प्रति है—द कश्मीर फ़ाइल्स पर जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल

गहराइयां में एक किरदार का मुस्लिम नाम क्यों?

‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ सेना में महिलाओं के संघर्ष की कहानी!

पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी : क्या कहता है इतिहास?

पद्मावती विवाद : मुकम्मल मनुस्मृति राज का कारपोरेट महाभारत

अतीत का साम्प्रदायिकीकरणः ‘पद्मावती’ फिल्म यूनिट पर हमला


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License