NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
"यूरोपीयन यूनियन पूंजीपतियों के लाभ को बढ़ाने का एक बड़ा हथियार"
ग्रीस की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कोंस्टांटीनोस पापाडाकिस ने एक विशेष बातचीत में प्रिस्पा समझौते पर पार्टी की स्थिति के बारे में बताते हुए सीरिज़ा सरकार और यूरोपीय संघ पर अपने विचार रखे।
मोहम्मद शबीर
06 Feb 2019
Translated by महेश कुमार
KKE

ग्रीस की कम्युनिस्ट पार्टी (KKE) को देश में महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तक्षेप करते हुए एक सदी से अधिक का समय हो गया है। केकेई अब ग्रीस में एक प्रमुख विपक्षी पार्टी है, जहां 2007 से देश को बुरी तरह से प्रभावित करने वाले गंभीर ऋण संकट को दूर करने के लिए राजनीतिक और आर्थिक नीतियों के साथ सभी तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। ग्रीस और यूरोप के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर केकेई के महत्व के संबंध में पीपुल्स डिस्पैच ने कोंस्टांटीनोस पापाडाकिस से बात की। कोंस्टांटीनोस पापाडाकिस  यूरोपीय संसद (MEP) और केकेई  की केंद्रीय समिति के सदस्य हैं।

पीपुल्स डिस्पैच (पीडी): केकेई ने कहा है कि ग्रीस और मैसेडोनिया के बीच हस्ताक्षर किए गए प्रीपेस समझौते को यूरोपीय संघ (ईयू) और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने उकसाया है। कई विपक्षी दलों ने भी राष्ट्रवादी तर्ज पर समझौते का विरोध किया है। आप इन तथाकथित राष्ट्रवादी ताकतों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विरोध को कैसे देखते हैं?

कोंस्टांटीनोस पापाडाकिस (केपी): तथ्य यह है कि प्रीपेस समझौते का दूसरा अनुच्छेद स्पष्ट रूप से नाटो और यूरोपीय संघ में मैसेडोनिया (FYROM) के पूर्व यूगोस्लाव गणराज्य के प्रवेश को संदर्भित करता है। यह समझौते का सार और मुख्य उद्देश्य है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर, सभी बुर्जुआ ताकतों - विश्वबंधुत्व के दृष्टिकोण से समझौते का समर्थन करने वाले और राष्ट्रवाद के दृष्टिकोण से इसका विरोध करने वाले – दोनों की एक ही राय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों ताकतें बाल्कन में अमेरिका, यूरोपीय संघ और नाटो की साम्राज्यवादी योजनाओं का विरोध नहीं करता है क्योंकि ये सभी ताकतें बाल्कन क्षेत्र में अग्रणी शक्ति बनने के लिए ग्रीक के बुर्जुआ वर्ग के लक्ष्य को अपना रहे हैं। ये व्यापक क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे करीबी भागीदार, सीरिज़ा सरकार की बातचीत के मुख्य बिंदु पर आधारित हैं; इसमें सीरिज़ा का गठबंधन सहयोगी, ANEL; दक्षिणपंथी पार्टी, न्यू डेमोक्रेसी; और अपराधी नाजी "गोल्डन डॉन", जिन्होंने राष्ट्रवादी नारे लगाते हुए रैलियों का समर्थन किया शामिल हैं। ग्रीस की कम्युनिस्ट पार्टी (KKE) ने इन इसके बीच की समानताओं का खुलासा किया और ग्रीक लोगों के प्रति यूरोपीय संघ-नाटो के समझौते के खतरे के साथ-साथ "मैसेडोनियन राष्ट्रीयता" और "मैसेडोनियन भाषा" के संदर्भ में अंतर्निहित अतार्किकता के खतरे के बारे में बताया है। इस तरह के बीज दोनों पक्षों में राष्ट्रवाद को बढ़ाने के निरंतर स्रोत साबित होंगे।

पीडी: केकेई ग्रीस में विभिन्न संघर्षों में सबसे आगे रहा है, श्रजोकि मिकों, शिक्षकों सहित विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है, यह नाटो विरोधी प्रदर्शनों में भी सबसे आगे रहा है और दुनिया भर में प्रगतिशील आंदोलनों के साथ एकजुटता निभाता है। आप देश में एक प्रमुख विपक्षी शक्ति के रूप में हैं और यूरोप में कम्युनिस्ट और श्रमिकों के आंदोलनों को बढ़ाने में केकेई की भूमिका का आकलन कैसे करते हैं?

केपी: मजदूर वर्ग के संघर्षों और ग्रीक नागरिक समाज के अन्य वर्गों के भीतर केकेइ की बढ़ती हुई राजनीतिक भूमिका और प्रभाव संयोग से नहीं हुआ है। ये पार्टी की एक स्पष्ट रणनीति के परिणाम हैं जो पूंजीवाद और समाजवाद के बीच मध्यवर्ती चरणों को खारिज करता है। यही कारण है कि केकेई किसी भी बुर्जुआ सरकारों के साथ समर्थन या गठबंधन नहीं करता है। पार्टी पूंजीवादी शोषण को वैध नहीं बनाती है और शोषण के खिलाफ सभी बुर्जुआ ताकतों की भूमिका का सामना कर रही है, जिसमें नए प्रकार के सामाजिक लोकतंत्र ताकतें भी  शामिल हैं, जिसका नेतृत्व सीरिज़ा जैसी पार्टी कर रही है। हम मज़दूर वर्ग के साथ मज़बूत सामाजिक गठजोड़ बनाकर वर्ग संघर्षों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। केकेई मज़दूरों की शक्ति को मजबूत करने और यूरोपीय संघ से विघटन के साथ-साथ क्रोनी कैपिटलिज़्म को उखाड़ फेंकने के संघर्ष के लिए अपनी पूरी ताकत का उपयोग करने के लिए समर्पित है। हम इस अनुभव को अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के पुनरूद्धार के लिए भी उपयोगी मानते हैं।

पीडी: यूरोप के विभिन्न देशों में अति-राष्ट्रवादी ताकतों के उदय के बारे में आप क्या महसूस करते हैं? ऐसे कौन से कारक हैं जो उनके बढ़ने में योगदान करते हैं और उन्हें चुनौती देने के लिए आपकी क्या योजनाएँ हैं?

केपी: राष्ट्रवादियों के उदय का मुख्य कारण जनविरोधी नीतियां हैं, जिन्हे दुनिया भर में क्रोनी कैपिटलिस्ट बुर्जुआ ताकतों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा हैं। चरम दक्षिणपंथ पूंजीवादी व्यवस्था के लिए एक आरक्षित स्थिति है। यह कई बार साबित हो चुका है कि पूंजीवादी शोषण को ढंकने और बुर्जुआ वर्ग के हितों की रक्षा के लिए अति-राष्ट्रवाद बहुत ही उपयोगी स्थिति है, जो लोगों के अधिकारों की कीमत पर एकाधिकार के हितों की रक्षा के लिए एक जंगली नस्ल के जरिये अपने विरोधी के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। इस कठिन स्थिति को दूर करने के लिए, हमें अति दक्षिणपंथी और पूंजीवादी प्रणाली दोनों से लड़ने की जरूरत है जो उनका पोषण करती है। विभिन्न तथाकथित इस तरह के "फासीवाद-विरोधी मोर्चों", सामाजिक लोकतंत्र ताकतें इस विकसित  शोषणकारी पूंजीवादी व्यवस्था का बचाव करते हैं, जो अति-दक्षिणपंथी ताकतों की गतिविधियों को छिपाती हैं  और उन्हे जीवन प्रदान दान करती है।

पीडी: यूरोपीय संघ की कार्यप्रणाली और महाद्वीप के श्रमिक वर्ग पर इसकी नीतियों के परिणाम पर आपके विचार क्या हैं?

केपी: यूरोपीय संघ एक यूरोपीय अंतर-राज्य साम्राज्यवादी केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह यूरोप के बड़े पूंजीपतियों के लिए अपने मुनाफे को बढ़ाने और उनके वर्चस्व की रक्षा के लिए एक हथियार का काम करता है। यह न ही तो किसी की कभी भी सेवा करता है, और न ही श्रमिक वर्ग की जरूरतों को पूरा कर सकता है। इस क्षेत्र के विभिन्न देशों के बुर्जुआ वर्ग के यूरोपीय संघ में भाग लेने के अपने फायदे हैं, वह भी लोगों की कीमत पर।

यूरोपीय संघ का "जन साधारण के समर्थक" बनने की दिशा में सुधार होने की उम्मीदें नाकाम साबित हुई हैं। उनके "लोकतंत्रीकरण" के माध्यम से लोगों के हित के लिए यूरोपीय संघ में बदलाव के बड़े दावे भी निराधार साबित हुए हैं।

यूरोप के मजदूर वर्ग के लिए केवल समाजवाद ही सामाजिक अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा सहित स्वतंत्रता की गारंटी दे सकती है। इसे केवल श्रमिक वर्ग और यूरोप के अन्य प्रगतिशील क्षेत्रों के संघर्षों के माध्यम से हासिल किया जा सकता है, न कि क्षेत्र में बड़े पूंजीपतियों और नेताओं के कुछ समूहों के साथ गठबंधन के माध्यम से।

पीडी: आप ग्रीस में सीरिज़ा सरकार के काम को कैसे देखते हैं? क्या वे ग्रीक लोगों की सामान्य इच्छा को पूरा करने में सक्षम हुए हैं और क्या वे मजदूर वर्ग की उन्नति सुनिश्चित करने के साथ-साथ वामपंथी राजनीति को बढ़ावा दे पाए हैं?

केपी: सीरिज़ा ने लोकप्रिय इच्छाशक्ति को बहुत नुकसान पहुंचाया और पिछली नई लोकतंत्र और पास्को पार्टियों की नीतियों को जारी रखते हुए ग्रीक लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। सीरिज़ा ने पिछले चार वर्षों में कठोर जनविरोधी नीतियों को बढ़ावा दिया है। ग्रीक ऋण संकट के दौरान बेलआउट पैकेज या दूसरे यूरोपीय संघ के ज्ञापन (ग्रीस के लिए आर्थिक समायोजन कार्यक्रम) को खत्म करने, और फिर 12 जुलाई 2015 को तीसरे, सबसे खराब और कठोर ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद, उनकी सरकार का बड़ा झूठ सामने आ गया। यह यूरोपीय संघ के साथ एक और विनाशकारी समझौते का पालन कर रहा है जो कि बर्बर और जनविरोधी भी है, जैसा कि हाल के बजट में वोट द्वारा स्पष्ट हुआ था। इसने वेतन और पेंशन में कटौती को बढ़ावा दिया है, भारी कर लगाए है, हड़ताल के अधिकार को प्रतिबंधित किया है, और  राज्य के बंदरगाहों के निजीकरण, हवाई अड्डों, रेलवे, ऊर्जा कंपनियों से गरीबों के निष्कासन में योगदान दिया है। और, निश्चित रूप से, यह एक अस्वीकार्य, खतरनाक नीति का पालन करती है जो ग्रीक लोगों और देश के संप्रभु अधिकारों को खतरे में डालती है, उनकी एक ही नीति है कि "विभाजित करो और शासन करो", के जरिये देश को अतिरिक्त सैन्य बुनियादी ढांचे के साथ-साथ एक विशाल अमेरिकी और नाटो का बेस बनाने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की कि ग्रीस सरकार इस क्षेत्र में अमेरिका की सबसे समर्पित भागीदार है।

ग्रीस के लोगों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय है। उन्हें अपने अनुभवों से निष्कर्ष निकालना होगा और केकेई  और अन्य वर्ग-उन्मुख बलों के साथ अपने संघर्षों को व्यवस्थित करना होगा। हमें इस प्रतिक्रियावादी सरकार के खिलाफ एक मजबूत क्रांतिकारी सामाजिक गठजोड़ बनाना होगा और श्रमिकों की शक्ति और समाजवाद के माध्यम से एक वास्तविक विकल्प का निर्माण करना होगा।

पीडी: वेनेज़ुएला की मौजूदा स्थिति पर यूरोपीय संघ की स्थिति के बारे में  आपका क्या ख्याल है?

केपी: केकेई ने वेनेज़ुएला के घरेलू मामलों में अमेरिका, यूरोपीय संघ, नाटो और लैटिन अमेरिका की सरकारों के खुले हस्तक्षेप और तख्तापलट के जरिये कठपुतली राष्ट्रपति को थोपने की उनकी कोशिश की कड़ी निंदा की है। केकेई के एमईपी ने यूरोपीय संसद के उस अस्वीकार्य प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है जो कि वेनेजुएला में अमेरिका, नाटो और यूरोपीय संघ के कठपुतली राष्ट्रपति को मान्यता देता है। उनकी अपनी खतरनाक साम्राज्यवादी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सैन्य हस्तक्षेप का भी खतरा बना हुआ है, क्योंकि वे ऐसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर जगह करते आए हैं। तथाकथित संपर्क समूह जिसे ईयू कहा जाता है, वेनेज़ुएला के लोगों के लिए एक और जाल है। हम जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल, साथ ही ग्रीस जैसी सरकारों के रुख की निंदा करते हैं जो वेनेज़ुएला में अमेरिका के खुले हस्तक्षेप के बारे में कुछ भी नहीं कहते है।

ये केवल वेनेज़ुएला के लोग हैं जिनके पास अपने हितों की रक्षा करने और देश के नेतृत्व को चुनने का अधिकार, और जिम्मेदारी है।

हम वेनेज़ुएला के लोगों और देश में मौजूद प्रगतिशील, मज़दूर वर्ग के तबकों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं, जिसमें वेनेज़ुएला की कम्युनिस्ट पार्टी (PCV) भी शामिल है, जो शोषण और साम्राज्यवादी हस्तक्षेपों के खिलाफ जीवन की खोज में शामिल है।

सौजन्य: पीपुल्स डिस्पैच

मूल प्रकाशन तिथि: 04 फरवरी 2019

European Union
Anti-NATO protests in Greece
Greece
Anti-neoliberalism
NATO expansionism
Prespes Agreement
KKE

Related Stories

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 

मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

ग्रीस में प्रगतिशीलों ने ज़ेलेंस्की के नव-नाज़ियों के साथ संसद के संबोधन को ख़ारिज किया 

यूक्रेन में तीन युद्ध और तीनों में इंसानियत की हार के आसार

रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी; सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों से दूर रहे पश्चिम, रूस की चेतावनी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License