लखीमपुर खीरी में केवल किसान नहीं कुचले गए हैं बल्कि एक बार फिर भारत के लोकतंत्र को कुचला गया है। आज आम जन की यही आवाज़ है। इसी को कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने अभिव्यक्ति दी है।
लखीमपुर खीरी में केवल किसान नहीं कुचले गए हैं बल्कि एक बार फिर भारत के लोकतंत्र को कुचला गया है। आज आम जन की यही आवाज़ है। आप देख रहे हैं कि किसानों के समर्थन में लखीमपुर खीरी जा रहे विपक्ष के नेताओं को भी उनतक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। पूरे ज़िले में धारा 144 लागू है और इंटरनेट तक बंद कर दिया गया है। इसके क्या कहा जाएगा। आम जन इसे लोकतंत्र की हत्या ही कहेंगे। इसी को कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने अभिव्यक्ति दी है।