किसी ज़माने में कहा जाता था कि बॉलीवुड और क्रिकेट भारत के दो मज़हब हैं, ये दोनों लोगों को जोड़ने का काम करते हैंI लेकिन हाल के सालों में इन दोनों पर ही सांप्रदायिकता का साया पड़ गया हैI चाहे वो पाकिस्तान से मैच हारने के बाद मोहम्मद शामी की ट्रोलिंग की बात हो या शाहरुख खान और उनके बेटे के लिए सार्वजनिक नफ़रत, ये घटनाएँ आपस में जुड़ी हुई नहीं हैं यह मान लेना भूल होगीI इन दोनों इंडस्ट्री के बदले हालात सारे देश के बदले राजनीतिक हालात का अक्स हैंI 'इतिहास के पन्ने' के इस अंक में नीलांजन मुखोपाध्याय ने 'The 3 Khans: And the Emergence of New India' की लेखिका कावेरी बामजई से इन्हीं मुद्दों पर बात कीI