NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
30 साल पुराने हिरासत में मौत मामले में पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को उम्रकैद
जामनगर स्थित सत्र अदालत ने भट्ट को 1990 में हिरासत में हुई मौत के एक मामले में दोषी पाया है। उस समय संजीव भट्ट जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक थे।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
20 Jun 2019
फाइल फोटो
Image Courtesy: TheIndianExpress

गुजरात में एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 1990 में हिरासत में हुई मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

जामनगर स्थित सत्र अदालत के न्यायाधीश डी एन व्यास ने भट्ट को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई लेकिन मामले में दोषी ठहराए गए छह अन्य पुलिसकर्मियों की सजा का ऐलान अभी नहीं हुआ है। 

यह मामला 1990 का है जब भट्ट गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। उन्होंने जाम जोधपुर कस्बे में सांप्रदायिक दंगों के दौरान करीब 150 लोगों को हिरासत में लिया था।

इनमें से प्रभुदास वैशनानी नाम के एक शख्स की हिरासत से रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। वैशनानी के भाई ने बाद में भट्ट और छह अन्य पुलिसवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उन्होंने हिरासत के दौरान उसके भाई को प्रताड़ित किया जिसकी वजह से उसकी जान गई। 

फिलहाल संजीव भट्ट साल 1996 में कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने को लेकर जेल में हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर की गई जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें ये मांग की गई थी कि मामले में कुछ और गवाहों का बयान लिया जाए। भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि मामले में 300 गवाहों के बयान लिए जाने थे लेकिन कई महत्वपूर्ण गवाहों को छोड़कर सिर्फ 32 गवाहों का ही परीक्षण किया गया।

आपको बता दें कि भट्ट को 2011 में बिना अनुमति के ड्यूटी से नदारद रहने और सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग करने के आरोप में भी निलंबित कर दिया गया था और बाद में अगस्त 2015 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। बता दें कि साल 2002 में गोधरा दंगे के बाद भाजपा के साथ भट्ट का कई मुद्दों पर टकराव हुआ है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

    

Sanjeev Bhatt
life imprisonment for sanjeev bhatt
life imprisonment
Jamnagar sessions court
former ips sanjeev bhatt

Related Stories

नफ़रत के शिकार लोग ही जानते हैं कि भारत में (न्याय के लिए) लड़ाई कितनी बड़ी है: निशरीन जाफ़री

अयोध्या के आतंकी हमला मामले में चार को उम्रकैद, एक आरोपी बरी


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी
    11 Apr 2022
    "18 अक्तूबर, 2014 को मोदी सरकार ने डीज़ल पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर इसका बोझ आम जनता पर डाल दिया। तब से लेकर आज तक सरकारी लूट चालू है। बड़ा सवाल यह है कि क्या तेल की कीमतों में लगातार इजाफा…
  • वर्षा सिंह
    दिल्ली से देहरादून जल्दी पहुंचने के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने साल समेत हज़ारों वृक्षों के काटने का विरोध
    11 Apr 2022
    “इसमें कोई शक नहीं है कि हम मौसम परिवर्तन के दौर से गुज़र रहे हैं। इस दौर की सबसे बड़ी विडंबना बढ़ता हुआ तापमान है। इससे बचने के लिए ये जंगल ही हमारी रक्षा की पहली कतार हैं।.....इनको खोकर हम अपने…
  • भाषा
    जेएनयू छात्र झड़प : एबीवीपी के अज्ञात सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
    11 Apr 2022
    पुलिस ने बताया कि, "शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 509, 506 और 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। तथ्यात्मक या वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने और दोषियों की पहचान करने के लिए आगे…
  • अजय कुमार
    सात बिंदुओं से जानिए ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल’ का क्यों हो रहा है विरोध?
    11 Apr 2022
    द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल: पहचान का रिकॉर्ड बनाने के नाम पर नागरिक अधिकारों को कुचलने वाला प्रावधान
  • ज़ाकिर अली त्यागी
    ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर
    11 Apr 2022
    ग्रामीणों के अनुसार मुस्लिम समुदाय में डर बना हुआ है। पुलिस ने इस मामले में जिस आरोपी को गिरफ़्तार किया है वह 9वीं कक्षा में पढ़ता है जिसकी उम्र 14 वर्ष है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License