NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
राजनीति
दिल्ली से देहरादून जल्दी पहुंचने के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने साल समेत हज़ारों वृक्षों के काटने का विरोध
“इसमें कोई शक नहीं है कि हम मौसम परिवर्तन के दौर से गुज़र रहे हैं। इस दौर की सबसे बड़ी विडंबना बढ़ता हुआ तापमान है। इससे बचने के लिए ये जंगल ही हमारी रक्षा की पहली कतार हैं।.....इनको खोकर हम अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।"
वर्षा सिंह
11 Apr 2022
Protest at Aasharodi
सड़क के लिए 11 हज़ार पेड़ों के काटने के विरोध में देहरादून के आशारोड़ी में प्रदर्शन। सौजन्य वर्षा सिंह

देहरादून की तेज़ गर्मी, ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण को पीछे छोड़ जब आप आशारोड़ी के जंगलों के बीच गुज़रती सड़क पर आएंगे तो राहत का हरा-भरा अहसास आपके अंदर धीरे से दाखिल होगा। सड़क के दोनों छोर पर सैंकड़ों वर्षों से मौजूद साल वृक्षों के जंगल ने दून घाटी की हरियाली को अपनी शाखाओं में समेट रखा है। गाड़ियों के हॉर्न का शोर थमते ही यहां रहने वाली चिड़ियों की चहचहाहट आपको ज़िंदा करेगी। ये हाथियों का घर है। इसलिए वाहन धीरे चलाना होगा। संभव है कि बारासिंगा, चीतल, काकड़ जैसे वन्यजीवों के झुंड झाड़ियों के पीछे से ताक रहे हों। यहां से गुज़रते हुए आपको शहर देहरादून से प्रेम हो जाएगा।

विकास को रफ्तार देने के लिए सरकार की महत्वकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे 210 किलोमीटर का होगा। जिससे दिल्ली-देहरादून का 5 घंटे के सफ़र ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा।  

इसी महत्वकांक्षी सड़क पर देहरादून के आशारोड़ी से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गणेशपुर तक 19 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करने में लगने वाले समय को 15 मिनट कम करने के लिए 11 हज़ार पेड़ काटकर सड़क चौड़ी करने का काम भी शुरू हो गया है। इसमें से 8500 पेड़ उत्तर प्रदेश की सीमा और 2500 उत्तराखंड की सीमा में हैं।

ये सड़क दून घाटी के इको सेंसेटिव ज़ोन में, राजाजी टाइगर रिजर्व से सटी और शिवालिक एलिफेंट कॉरिडोर से होकर गुजरेगी।

अप्रैल में सामान्य से 6-7 डिग्री अधिक तापमान में साल के एक वृक्ष की छांव में प्रकृति प्रेमी। सौजन्य : वर्षा सिंह

प्रतिरोध

10 अप्रैल को आशारोड़ी के ऐसे ही एक सैंकड़ों वर्ष पुराने वृक्ष के नीचे प्रकृति प्रेमी इकट्ठा हुए। 7-8 साल के बच्चों से लेकर 70-80 वर्ष के बुजुर्ग इस प्रतिरोध में शामिल थे। नारों, पोस्टरों, जन गीतों, नुक्कड़ नाटक के ज़रिये पेड़ों को बचाने के लिए ये एक आम अभियान था। वे पूछ रहे थे “हरे-भरे वृक्षों को काटकर, चिड़िया-हिरनों-हाथियों जैसे वन्यजीवों का घर उजाड़ कर बनाई गई फोरलेन वाली सड़क क्या आपको चाहिए? जबकि मौजूदा टु लेन सड़क आवाजाही के लिए पर्याप्त से अधिक है। आपको पहुंचने की जल्दी है तो हवाई जहाज से सफ़र करो”।

‘साल के वृक्षों को बचाओ’, ‘मुझे भी जीने का हक़ है’, ‘स्टॉप दिस रोड टु डिस्ट्रक्शन’, ‘हमारे जंगलों की रक्षा करो’, जैसे नारों के साथ देहरादून में लगातार छोटे-छोटे चिपको आंदोलन चल रहे हैं लेकिन ये समय गौरा देवी का नहीं है।

काटे जा रहे 11 हज़ार पेड़ों में से 80% साल के वृक्ष हैं। जिनकी उम्र 100-150 साल के बीच है। जो ट्रांसप्लांट नहीं किए जा सकते, न ही आसानी से उगते हैं। बारिश के पानी को धरती में ले जाने, नदियों-जल स्रोतों को रिचार्ज करने, बाढ़ से बचाने, मैदान से उड़कर आने वाली धूल को सोखने, वायु प्रदूषण से हमारी सुरक्षा में ये वृक्षों अपना योगदान देते हैं।

पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने कहा कि पेड़ों को खोकर हम अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। सौजन्य : वर्षा सिंह

आशारोड़ी में उठी प्रतिरोध की इन आवाज़ों में एक स्वर पर्यावरणविद और ऑल वेदर रोड के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष रहे रवि चोपड़ा का भी था। वे कहते हैं “इसमें कोई शक नहीं है कि हम मौसम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। इस दौर की सबसे बड़ी विडंबना बढ़ता हुआ तापमान है। इससे बचने के लिए ये जंगल ही हमारी रक्षा की पहली कतार हैं। जो अपनी पत्तियों और मिट्टी में कार्बन समाकर वापस ऑक्सीजन देते हैं। जिससे वायुमंडल स्वच्छ होता है। ये भूजल भंडार कायम रखते हैं। ताकि हमारी नदियां सदानीरा रहें। इनको खोकर हम अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं”।

डॉ चोपड़ा कहते हैं “हमें विकास और सड़क के साथ पेड़-जंगल भी चाहिए। इतनी इंजीनियरिंग भी है हमारे पास कि हमारे सड़कें वनों को कम से कम नुकसान पहुंचाए”।

उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत कहती हैं “अगर हम इस तरह के बेतरतीब विकास को देहरादून के प्रवेश द्वार पर नहीं रोक पाएंगे तो यही विकास सीधे पहाड़ों तक जाएगा। इससे हमें बहुत नुकसान होने वाला है”।

मीर हम्जा, मोहम्मद इरशाद समेत प्रदर्शन में शामिल अन्य वन गुज्जर। सौजन्य : वर्षा सिंह

नैनीताल से आए वन गुज्जर मोहम्मद इरशाद कहते हैं “एक तरफ तो मोदी जी जी-20 सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण की बात करते हैं,  दूसरी तरफ इतने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे हैं। वन क्षेत्रों में सड़कों का जाल बढ़ने से वन्यजीवों की दुर्घटनाओं में होने वाली मौत बढ़ी है”।

आशारोड़ी क्षेत्र में रहने वाले वन गुज्जर ट्राइबल युवा संगठन के संस्थापक मीर हम्जा कहते हैं “इन पेड़ों से हमारे मवेशियों के लिए चारा-पत्ती का इंतज़ाम होता है। राजाजी टाइगर रिजर्व में रहने वाले वन्यजीवों के आवास में ये निर्माण हो रहा है। हाल ही में यहां बाघ छोड़े गए हैं। इस सड़क से उनका हैबिटेट भी प्रभावित होगा”।

प्रदर्शन में शामिल आरटीआई लोक सेवा संस्था की ओर से कहा गया“ हमारी आर्थिक सुगमता के लिए हजारों हजार वृक्ष गिराए जा रहे हैं। इसलिए कि वे कभी प्रतिकार नहीं करते, धरना नहीं देते, पथराव नहीं करते, चक्का जाम नहीं करते, उनके लिए कोई भी विधायक, सांसद, पार्षद सदन में हंगामा नहीं मचाते। क्योंकि वे मताधिकार नहीं रखते”।

रवि चोपड़ा समेत अन्य प्रबुद्ध लोगों का सुझाव है कि आशारोड़ी से गणेशपुर के बीच मोहंड के पास लोहे के एक पुराने पुल पर ही आवाजाही थोड़ी बाधित होती है। इस पुल को ही डबल लेन का कर दिया जाए तो सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी। 19 किलोमीटर के सफ़र में लगने वाले समय को 15 मिनट कम करने के लिए 11 हज़ार पेड़ काटना कैसा विकास है।

उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश सीमा पर मोहंड के पास पेड़ों को काटने का कार्य तेजी से जारी। सौजन्य : सोशल मीडिया

अदालत के आदेश

सिटीजन फॉर ग्रीन दून संस्था ने इस क्षेत्र की प्राकृतिक संवेदनशीलता को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। नैनीताल हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष सितंबर में उत्तराखंड सरकार से पेड़ काटने के बदले पेड़ लगाने की प्रतिबद्धता निभाने को कहा। ये मामला सुप्रीम कोर्ट और फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहुंचा। एनजीटी ने दिसंबर 2021 को एक्सप्रेसवे के लिए अनुमति दे दी और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे इसके लिए 12 सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया।

पेड़ और हम

बीता मार्च-2022 पिछले 122 वर्ष में सर्वाधिक गर्म मार्च रिकॉर्ड हुआ। देहरादून मौसम विभाग उत्तराखंड में सामान्य से 6-7 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान का औरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है।

अदालत अपना आदेश सुना चुकी है। सरकार के आदेश पर सड़क बनाने का कार्य जारी है। ये जानते हुए भी कि सरकार की बड़ी ताकत से मुठ्ठीभर लोग नहीं लड़ सकते। वे जागरुकता और प्रतिरोध की आवाज़ को बनाए रखने और कट रहे साल वृक्षों को बचाने की अंतिम कोशिश के तौर पर इकट्ठा हुए।

वर्षा सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं।

Delhi
Uttrakhand
Dehradun
Cutting trees
trees
Protest against cutting Trees
Environment
Air Pollution

Related Stories

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!

मध्यप्रदेशः सागर की एग्रो प्रोडक्ट कंपनी से कई गांव प्रभावित, बीमारी और ज़मीन बंजर होने की शिकायत

‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

इको-एन्ज़ाइटी: व्यासी बांध की झील में डूबे लोहारी गांव के लोगों की निराशा और तनाव कौन दूर करेगा

बनारस में गंगा के बीचो-बीच अप्रैल में ही दिखने लगा रेत का टीला, सरकार बेख़बर

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

समय है कि चार्ल्स कोच अपने जलवायु दुष्प्रचार अभियान के बारे में साक्ष्य प्रस्तुत करें

साल 2021 में दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी थी : रिपोर्ट


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License