NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कुपवाड़ा में जनाज़े के दौरान नारेबाज़ी  के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार 8 युवक  ‘बेकसूर’: ग्रामीण
एक महीने से कम समय में यह दूसरी इस प्रकार की घटना है जहाँ पुलिस ने कुपवाड़ा में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के आरोप में मातम मना रहे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अनीस ज़रगर
05 Jun 2021
कुपवाड़ा में जनाज़े के दौरान नारेबाज़ी  के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार 8 युवक  ‘बेकसूर’: ग्रामीण
चित्र साभार: कश्मीर बाइलाइन्स 

श्रीनगर: पिछले हफ्ते उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक दुर्घटना में मारे गए युवक के अंतिम संस्कार में कथित तौर पर ‘भारत विरोधी’ नारे लगाने के लिए मातम में शामिल आठ लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) जैसे गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मोहम्मद अमीन दार नामक युवक की 28 मई को उसके आवास के पास एक वाहन से टक्कर लग जाने के कारण दुर्घटना में मौत हो गई थी। खबर है कि उसे तत्काल एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ से बाद में उन्हें श्रीनगर के लिए रेफ़र कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने बताया कि उन्होंने उसकी मौत की जांच शुरू कर दी है।

बाद में, पुलिस ने दावा किया कि अगली सुबह उसकी मैयत में, कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाये गए थे।

स्थानीय सरपंच (ग्राम प्रधान), नज़ीर दार ने न्यूज़क्लिक को बताया कि मोहम्मद अमीन की मौत के कारण ग्रामीण गमजदा थे और वे ज्यादातर ‘ला इला हा इल अल्लाह’ का पाठ कर रहे थे। यह एक इस्लामिक इबादत है जिसका अक्सर मैयत के दौरान पाठ किया जाता है।

इस घटना पर नज़ीर का कहना था, “कुछेक लडकों ने कुछ विवादास्पद नारे लगाये थे, लेकिन यह सब संक्षिप्त रहा, क्योंकि बाकियों ने उन्हें ऐसा करने से तुरंत रोक दिया था, लेकिन मेरी समझ में जिन बच्चों को हिरासत में लिया गया है, वे निर्दोष हैं।”

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों में 28 वर्षीय एजाज़ अहमद शामिल हैं, जो गाँव के पास में एक चाय की दुकान चलाते हैं। हालाँकि, उनके पिता ने न्यूज़क्लिक को बताया कि एजाज़ हंदवाड़ा इलाके के एक अन्य गाँव में अपने रिश्तेदार की मैयत में शामिल होने के लिए गए हुए थे।

गुलाम रसूल का कहना था, “मेरा बेटा निर्दोष है क्योंकि वह एक रिश्तेदार की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए गया था। मुझे पक्का यकीन है कि उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है क्योंकि वह ऐसी किसी भी घटना में शामिल नहीं है। और यदि वह कहीं से भी किसी भी प्रकार की गलती के लिए जिम्मेदार है, तो हमारी प्रशासन से गुजारिश है कि उसे माफ़ी दे दें और रिहा कर दें।” 

एजाज़ के एक रिश्तेदार, जो खुद को गुमनाम रखना चाहते थे, उनके अनुसार वह मोहम्मद यूसुफ़ शेख की शोक सभा में शामिल होने के लिए हंदवाड़ा इलाके के शेहलाल गाँव गया हुआ था।

स्थानीय लोगों का दावा है कि लड़के निर्दोष हैं और उन्हें ‘झूठे आरोपों में फंसाया’ गया है।

एक अन्य स्थानीय और हिरासत में लिए गए लड़कों में से एक के रिश्तेदार ने कहा, “यहाँ पर कोई अपराध (शामिल) नहीं हुआ है और निर्दोषों को कड़ी सजा दी जा रही है। उन्होंने भी प्रतिशोध के डर से खुद का नाम न जाहिर करने की इच्छा जाहिर की थी।

पुलिस ने सीमांत जिले के बुम्हामा गाँव के निवासियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिनकी पहचान अब्दुल गनी मीर के बेटे आबिद हुसैन मीर, फारूक अहमद मीर के बेटे कैसर अहमद मीर, फारुक अहमद मीर के बेटे बिलाल अहमद मीर, खाज़िर मोहम्मद मीर के बेटे अब्बास अहमद मीर, लाल भट के बेटे फिरदौस अहमद भट और मोहम्मद मकबूल के बेटे फ़याज़ अहमद दार के तौर पर हुई है। इन सभी पर 26 वर्षीय युवक के अंतिम संस्कार प्रार्थना में शामिल होने का आरोप है।

बुधवार को अधिकारियों की ओर से एक स्थानीय समाचार एजेंसी के हवाले से कहा गया था कि आरोपी व्यक्तियों में से चार को यूएपीए, 1967 की धारा 13 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को “किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि की वकालत करने, उल्लंघन, सलाह देने या उकसाने पर” सात साल तक की कैद भुगतने का प्रावधान है। 

इस घटना में कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन में कठोरतम 13 यूएलपीए(पी) अधिनियम के अलावा आईपीसी की धारा 188 के तहत प्राथमिकी संख्या 181/21 (लोक सेवक द्वारा जारी विधिवत आदेश की अवज्ञा), 147 (दंगा करने की सजा) का मामला दर्ज किया गया था। अभी तक पुलिस द्वारा जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें कैसर, बिलाल और उसी मोहल्ले का एक किशोर शामिल है। 

एक महीने से भी कम समय में इस प्रकार की यह दूसरी घटना है जहाँ मातम मना रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कुपवाड़ा में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के आरोपों में मामला दर्ज किया है। पिछले महीने की शुरुआत में, वरिष्ठ हुर्रियत नेता मोहम्मद अशरफ सेहरेई, जिनकी उधमपुर जेल में कारावास के दौरान मौत हो गई थी, उन के परिवार को पुलिस द्वारा उनके अंतिम संस्कार के दौरान कथित तौर पर नारेबाजी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उनके दोनों बेटे- जिनके बारे में कथित तौर जानकारी है कि वे कोरोनावायरस की चपेट में हैं- तब से जेल में बंद हैं। एसएसपी कुपवाड़ा संदीप चक्रवर्ती ने इस घटना के संबंध में किसी भी फोन कॉल या संदेश का जवाब नहीं दिया है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

8 Booked Under UAPA for Raising Slogans at Kupwara Funeral are ‘Innocent’, Say Villagers

kashmir arrests
Kashmir Funeral
Mourners Arrested
J&K Police
Kupwara Arrests

Related Stories

'हम किसी की संपत्ति नहीं हैं' : कश्मीर में सिख महिला की जल्दबाज़ी में शादी पर जम्मू-कश्मीर की महिलाओं की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर: पुलिस द्वारा छापेमारी, बेटे को घसीट कर ले जाते देख दिल का दौरा पड़ने से महिला की मौत

कश्मीरः यह रास्ता किधर जाता है!

शोपिंया में किशोर मिलिटेन्ट के मारे जाने से कई उम्मीदें चकनाचूर

कश्मीर में दर्द की अथाह दुनिया के बीच गुजरता बच्चों का बचपन

नवाकडाल एनकाउंटर : कई घरों को लूटने के बाद किया आगे के हवाले 

कश्मीर : सरकार ने वीपीएन को ब्लॉक करके इंटरनेट बैंडविड्थ को ख़त्म कर दिया है

कश्मीर में माँयें, अपने बेटों की एक झलक के लिए तरस रही हैं

कश्मीर : ‘मनमानी नज़रबंदी’ से सहमे बच्चे

कश्मीर में राजनेताओं सहित 100 से अधिक लोग गिरफ्तार : अधिकारी


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License