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भारत
राजनीति
बीएचयू में संस्कृत प्रोफेसर विवाद पर एएमयू में गहरी चिन्ता
एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को रोका गया तो देश से दुनिया को खतरनाक संदेश जाएगा कि आज के भारत में उच्च शिक्षा को लेकर मेरिट नहीं बल्कि धर्म को आगे रखा जाता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Nov 2019
feroz khan BHU
फोटो साभार : दैनिक जागरण

अलीगढ: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मुस्लिम फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर पर पर नियुक्ति रोकने के कुछ दक्षिणपंथी समूहों के प्रयास के बाद उपजे विवाद पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।

एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को रोका गया तो देश से दुनिया को खतरनाक संदेश जाएगा कि आज के भारत में उच्च शिक्षा को लेकर मेरिट नहीं बल्कि धर्म को आगे रखा जाता है।

हसन ने कहा कि जब 1877 में सर सैयद अहमद खान ने मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कालेज की स्थापना की थी, तब भाषा के तीन विभाग खुले थे, उनमें से एक संस्कृत विभाग था।

एएमयू प्रवक्ता राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति साहिबजादा आफताब अहमद खान ने जनवरी 1924 में कहा था कि संस्कृत साहित्य हिन्दू सभ्यता और संस्कृति का लेखाजोखा है और हमारा उददेश्य है कि हम ऐसे मुस्लिम स्कालर तैयार कर सकें जो संस्कृत के जरिए हमारी संस्कृति को समृद्ध करें।

उन्होंने बताया कि संस्कृत विभाग में कई मुस्लिम प्रोफेसर हुए। इनमें सलमा महफूज, खालिद बिन यूसुफ और मोहम्मद शरीफ के नाम प्रमुखता से आते हैं। उन्होंने बताया कि सलमा महफूज दुनिया की पहली मुस्लिम महिला थीं, जिन्होंने 1970 में संस्कृत में पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस समय एएमयू के संस्कृत विभाग में नौ शिक्षक हैं, जिनमें से दो मुस्लिम हैं।

गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में गुरुवार को विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्र आ गए तो दूसरी ओर विरोध में धरना दे रहे छात्रों के समर्थन में अब हिंदू धर्मगुरु भी उतर आए हैं।

इसी कड़ी में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रमुख शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद धरनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जरूरत पड़ने वह संतों का आह्वान करेंगे। उधर, विरोध कर रहे छात्रों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

इससे पहले, विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्रों ने पोस्टर पर ‘वी आर विथ यू फिरोज़ खान’, ‘संस्कृत किसी की जागीर नहीं’ जैसे पोस्टर के साथ मार्च निकाला। शोध छात्र विकास सिंह ने बताया कि महामना के मूल्यों को कुछ छात्र तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की जहां हर धर्म के लोग शिक्षा ग्रहण कर सकें।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

BHU
muslim teacher of sanskrit
Professor Feroz Khan
AMU
AMU Students Union
Faizul Hasan
Religion Politics
Education and Religion

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