NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अब्बास ने यूएनएससी में अमेरिका की मध्य-पूर्व शांति योजना को फिर नकारा
अमेरिका और इज़राइल को छोड़कर अन्य सदस्यों ने भी इस योजना का विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की तर्ज पर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार समाधान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
पीपल्स डिस्पैच
12 Feb 2020
abbas

फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित मध्य पूर्व शांति योजना को खारिज कर दिया है। इस योजना को अमेरिकियों और इजरायलियों द्वारा 'सदी के सौदे' के रूप में बताया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में मंगलवार यानी 11 फरवरी को बोलते हुए अब्बास ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह फिलिस्तीनियों पर एक अनुचित और अवास्तविक सौदा थोपने की कोशिश कर रहा है। उनके अनुसार यह असल में एक स्वतंत्र, व्यवहार्य राज्य की फिलिस्तीनी आकांक्षा को "स्विस चीज़" में बदल देता है।

ट्रम्प प्रशासन की योजना के अनुसार तैयार किए गए इजरायल और फिलिस्तीन के नक्शे को दिखाते हुए अब्बास ने सुरक्षा परिषद को बताया कि, “ये वह राज्य है जो वे हमें देंगे। यह स्विस चीज की तरह है। वास्तव में आप में से कौन इस तरह के राज्य और इस तरह की शर्तों को स्वीकार करेगा? ”मिड्ल ईस्ट आई ने इसे कोट करते हुए लिखा है।

ध्यान देने योग्य बात है कि अमेरिकी शांति योजना को लेकर फिलिस्तीनी रुख को अरब लीग, अफ्रीकी संघ और इस्लामी सहयोग संगठन द्वारा समर्थन प्राप्त है। अब्बास ने कहा कि तथाकथित "सदी का सौदा" इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता प्राप्त नहीं कर सकता है और न ही यह दो देशों के समाधान की फिलिस्तीनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। उन्होंने एक निष्पक्ष और यथार्थवादी शांति समझौते की दिशा में काम करने के लिए इजरायल को फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ वैकल्पिक वार्ता की कोशिश करने का भी आह्वान किया।

जैसा कि उम्मीद थी कि अमेरिका और इजरायल दोनों ने इस सौदे के पक्ष में बात की और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति पर शांति वार्ता के लिए गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। यूएनएससी के बाकी सदस्यों जिनमें फ्रांस, एस्टोनिया, जर्मनी, बेल्जियम, रूस, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका और ट्यूनीशिया शामिल हैं इन्होंने अमेरिकी शांति योजना का विरोध किया। इन देशों ने फिलिस्तीन को लेकर पिछले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार एक शांति योजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। इन्होंने इस मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने की प्रक्रिया में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करने पर जोर दिया।

Middle East
US
UN Security Council
Mahmoud Abbas

Related Stories

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर गंभीर गेहूं संकट का सामना करता मध्य पूर्व


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License