NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया : आदिवासी समूह ने खनन के कारण भूमि नुक़सान पर मुक़दमा दायर किया
आदिवासी समूह ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ अपने मुक़दमे में सांस्कृतिक नुकसान और भूमि तक पहुंच पाने को लेकर हुए नुकसान का दावा किया है।
पीपल्स डिस्पैच
19 Jun 2020
ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में एक आदिवासी समूह (एबोरिजनल) ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया राज्य सरकार के ख़िलाफ़ खनन और अन्य गतिविधियों के लिए भूमि के नुकसान को लेकर मामले दर्ज किया है। ख़बरों के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में त्जिवर्ल जनजाति के सदस्यों द्वारा सांस्कृतिक क्षति और गोल्डफिल्ड्स-एस्पेरेंस क्षेत्र तक पहुंच पाने में हुए नुकसान के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। यह मामला बुधवार 17 जून को फेडरल कोर्ट ट्रिब्यूनल में दायर किया गया।

भूमि के नुकसान के कारणों के रूप में सूचीबद्ध गतिविधियों में बीएचपी समूह जैसी खनन कंपनियों को दी गई भूमि और भूजल लाइसेंस और अन्य गतिविधियों के साथ राजमार्ग का विकास शामिल हैं।

यह मामला पिछले साल मार्च में उत्तरी क्षेत्र में टिम्बर क्रीक जनजाति की क़ानूनी जीत से प्रेरित है। टिम्बर क्रीक मामले में आदिवासी लैंड टाइटल होल्डर्स को खनन गतिविधियों के कारण हुए धार्मिक नुकसान के लिए 2.5 मिलियन डॉलर तक का मुआवज़ा दिया गया था।

इस मामले में शिकायतकर्ता त्जिवर्ल एबोरिजनल कॉर्पोरेशन ने अपने एबोरिजनल टाइटल के हिस्से के रूप में लगभग 7,800 वर्ग किलोमीटर से अधिक का दावा करता है जिसमें लेनिस्टर शहर और कई सांस्कृतिक स्थल शामिल हैं जो 10,000 वर्ष या इससे अधिक पुराने हैं।

त्जिवर्ल एबोरिजनल कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रेग रयान-गडसेन ने एबीसी न्यूज़ से कहा “हम सभी क्षेत्र तक पहुंच नहीं कर सकते हैं और यह हमारे लोगों के लिए बहुत शर्म की बात है क्योंकि हम अपनी सांस्कृतिक दायित्वों को पूरा नहीं कर सकते हैं। यह मामला सांस्कृतिक मूल्य, देश के विशेष मूल्य के लिए होगा।”

हाल ही में एक रूढ़िवादी सरकार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कई खनन कंपनियों जैसे कि बीएचपी ग्रुप और रियो टिंटो ग्रुप को भूमि देने को लेकर जांच के घेरे में रही है। रियो टिंटो द्वारा 45,000 साल पुराने रॉक शेल्टर को नष्ट करने के बाद यह विशेष रूप से समाप्त हो गया। ये रॉक शेल्टर एक प्रमुख आदिवासी सांस्कृतिक स्थल था।

australia
australia mining workers
mining workers
workers union

Related Stories

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री

ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट (AII) के 13 अध्येताओं ने मोदी सरकार पर हस्तक्षेप का इल्ज़ाम लगाते हुए इस्तीफा दिया

ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों चर्चा के केंद्र में क्यों है सेक्स एजुकेशन?

2021 : चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका की युद्ध की धमकियों का साल

आकुस के बहाने अमेरिका चीन ही नहीं, दुनिया को डाल रहा ख़तरे में

AUKUS पर हंगामा कोई शिक्षाप्रद नज़ारा नहीं है

चीन ने यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन को "शीत युद्ध मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह" का प्रदर्शन बताया

जलवायु परिवर्तन पर दुनिया के आदिवासी समूहों के सम्मेलन में क्या कहा गया?

हिमाचल प्रदेश: टनल हादसा, चार मज़दूरों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License