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भारत
राजनीति
गोरखपुर में हुई मौतों पर योगी के आंकड़े मनगढ़ंत : सीएम के पूर्व सहयोगी
न्यूज़क्लिक ने सुनील सिंह से बात की जो अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं – अन्य मुद्दों के अलावा, उनके और योगी आदित्यनाथ के रिश्तों में आई खटास पर भी चर्चा हुई। 
सौरभ शर्मा
23 Jan 2020
Translated by महेश कुमार
Yogi Adityanath
Image Courtesy : Scroll

सुनील सिंह, वह व्यक्ति हैं जिन्हें कभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दाहिना  हाथ माना जाता था - जिन्हें सीएम का हनुमान भी कहा जाता था – वे हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं और योगी के जानी दुश्मन की तरह बन गए हैं।

सिंह, जिन्हें 2016 तक योगी आदित्यनाथ के साथ देखा जाता था, 2017 में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कई आपराधिक आरोप लगे और इसके लिए उन्हें कई महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ के आदेश पर उन्हें इन केसों में फंसाया गया है।

हिंदू युवा वाहिनी, जो एक कट्टरपंथी हिंदू संगठन है; के संस्थापक होने के नाते उन पर  बुलंदशहर में एक व्यक्ति को लिंचिंग के ज़रिये मारने, गोरखपुर में घरों को तोड़ने, मोहब्बत करने के जुर्म में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई करने के आरोप हैं। अब उन्होंने इस संगठन का समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया है।

न्यूज़क्लिक ने उनसे कई मुद्दों पर बात की, जिसमें आदित्यनाथ के साथ उनके रिश्ते में आई खटास भी शामिल है।

सुनील ने बताया कि उनके गोरक्षापीठ के अनुयायी और गोरखनाथ मंदिर के शिष्य होने के नाते, वे हमेशा मंदिर के लिए समर्पित रहे हैं, जिसके कारण 1995 में वे आदित्यनाथ के पक्के गुर्गे बन गए थे। उन्होंने कहा, "मैंने देखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ने के लिए टिकट लेने के लिए ख़ासी मेहनत कर रहे हैं और यह तब कर रहे थे जब उन्हें गोरखनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त कर दिया गया था।

जब मैंने देखा कि मुख्यमंत्री अपने गुरू महंत अवैद्यनाथ के सामने रो रहे हैं तो मुझे बहुत बुरा लगा। वास्तव में, मुझे आज भी उनके इस तरह से रोने का बुरा लगता है क्योंकि प्रधान पुजारी होने के बावजूद, उन्हें अपमानित किया गया था। हालाँकि उनके गुरू की वकालत करने के बाद उन्हें टिकट मिल गया था।”

सिंह ने आगे कहा, “उस दिन मैंने संकल्प लिया था कि योगी जी को इतना शक्तिशाली बनाऊँगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी उनके सामने झुक जाएगी। मैंने इसे संभव बनाया और हिंदू युवा वाहिनी की बदौलत आज वे मुख्यमंत्री हैं। मैंने 36 विधान सभा सीटों पर अपने लोगों को मैदान में उतार दिया था, जिन्होंने अपने चुनाव का ख़र्च ख़ुद इसलिए उठाया ताकि योगी आदित्यनाथ को राज्य में प्रमुख पद मिल सके और तब भाजपा उनके पास आएगी। अन्यथा, चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव से पहले लगाए गए पोस्टरों तक पर योगी जी की कोई तस्वीर नहीं थी। मैंने योगी जी से कहा था कि यह ग़लत है और मैं इसका विरोध करने जा रहा हूं। योगी जी ने तब उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने के मेरे विचार से सहमति व्यक्त की थी, लेकिन बाद में वे मुकर गए थे। हमने उम्मीदवारों को मैदान में यह सोच कर उतार दिया था कि नई दिल्ली में उनके राजनीतिक आकाओं को यह बात परेशान कर सकती थी।"

सिंह चाहते हैं कि लोगों को यह बात पता चले कि योगी आदित्यनाथ को शक्तिशाली बनाने के इरादे से ही हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया गया था। वो कहते हैं, "क्योंकि कोई भी योगी को नहीं जानता था, एक तो वे उत्तराखंड से आए थे और दूसरे वे गोरखपुर की संस्कृति और भूगोल या पूर्वी उत्तर प्रदेश के बारे में कुछ नहीं जानते थे। युवा वाहिनी युवाओं का एक संगठन था जिसके सामने गुरू अवैद्यनाथ ने 'हिंदू' उपसर्ग दिया था। ये योगी आदित्यनाथ थे जिन्होंने इस संगठन को  कट्टरपंथी बनाया क्योंकि उन्होंने हमारे दिमाग में इस्लामोफोबिया पैदा किया था। वह कहते थे कि अगर हम एकजुट नहीं हुए तो मुसलमान भविष्य में हमारे ऊपर शासन करेंगे।"

जब उनसे पूछा गया कि एनएसए के तहत उनकी गिरफ़्तारी क्यों हुई और उन पर क्या आरोप हैं, तो सिंह ने जवाब दिया, “योगी आदित्यनाथ मुझसे डरते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं उनके बारे में बहुत सी बातें जानता हूँ। यही कारण था कि उसने मुझे जेल में अन्य धर्मों के कट्टर अपराधियों के साथ रखकर मुझे मरवाने की योजना बनाई थी। मुझे जेल में यातना दी गई, तन्हा कोठरी (अलगाव) में रखा गया। लेकिन इस सबने मुझे और मज़बूत बना दिया और अब, आने वाले दिनों में, मैं धीरे-धीरे इस भिक्षु के चेहरे से नकाब हटा दूंगा जो सिर्फ़ जुमलेबाज़ी कर रहा है और राज्य की मासूम जनता को चाँद का वादा कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम ने हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों का दिमागी मिज़ाज बदला है। सुनील कहते हैं, ''योगी जी उस बीजेपी के ख़िलाफ़ एक विद्रोही रहे हैं, जिसने पूर्व में इन्हें कई बार प्रमुख पद दिए हैं।'' उन्होंने कहा कि वे राज्य के नागरिकों के सामने हर बात पर ग़लत और मनगढ़ंत आंकड़े पेश करते रहे हैं। सिंह ने दावा किया कि गोरखपुर में मौतों का आंकड़ा पूरी तरह से गढ़ा गया है और बच्चे अभी भी इंसेफेलाइटिस के कारण मर रहे हैं।

सुनील ने अब अपने संगठन को समाजवादी पार्टी में विलय कर लिया है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संगठन के ख़िलाफ़ दर्जनों मामले लंबित हैं और पुलिस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में संगठन को दंगा करने वाला क़रार दिया है।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Adityanath’s Data on Gorakhpur Deaths Fabricated: Former CM Aide

Hindu yuva vahini
Sunil Singh
Gorakhpur
Gorakshapeeth
SAMAJWADI PARTY
BJP
Yogi Adityanath
National Security Act

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