NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
‘मीटू’ के बाद जुलाई में मिलीं महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की सर्वाधिक शिकायतें, उत्पीड़न में यूपी सबसे आगे
राष्ट्रीय महिला आयोग को इस साल जुलाई में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 2,914 शिकायतें मिली हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा रही हो लेकिन देशभर से आयोग को मिलने वाली शिकायतों में उत्तर प्रदेश में आधे से अधिक ममले दर्ज हुए हैं।
सोनिया यादव
10 Aug 2020
Rekha Sharma

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भले ही लॉकडाउन के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी के दावे को खारिज कर रही हों लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) इसे लेकर लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है। हाल ही में आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 के बाद इस साल जुलाई में आयोग को महिलाओं के खिलाफ अपराध की सर्वाधिक शिकायतें मिली हैं। इसमें घरेलू हिंसा से लेकर गरिमा के साथ जीने का अधिकार, दुष्कर्म, दहेज उत्पीड़न की तमाम शिकायतें शामिल हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े?

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नवंबर 2018, जब  मी टू अभियान अपने चरम पर था। उस दौरान आयोग को कुल 3,339 शिकायतें मिली थीं। उसके बाद अब जुलाई 2020 में सबसे अधिक 2,914 शिकायतें मिली हैं।

* आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध की सभी शिकायतों में से सबसे अधिक 774 शिकायतें गरिमा के साथ जीने के अधिकार प्रावधान के तहत मिलीं। गरिमा के साथ जीने का अधिकार महिलाओं के भावनात्मक शोषण से जुड़ा है।

* गरिमा के साथ जीने अधिकार के बाद दूसरे नंबर पर घरेलू हिंसा के तहत शिकायतें दर्ज की गईं। अकेले जुलाई महीने में एनसीडब्ल्यू को घरेलू हिंसा की 660 शिकायतें मिलीं।

* इसके बाद विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना और दहेज उत्पीड़न की 493 शिकायतें दर्ज हुईं।

* महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 146 शिकायतें और साइबर अपराध की 110 शिकायतें आयोग को मिलीं।

* आंकड़े दिखाते हैं कि इस साल जुलाई में बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 148 शिकायतें प्राप्त हुईं जबकि यौन उत्पीड़न की 50 शिकायतें आयोग को मिलीं।

* पिछले महीने आयोग को महिलाओं के खिलाफ अपराध की 2,043 शिकायतें मिली थीं।

राज्यों में क्या स्थिति है?

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा रही हो लेकिन देश में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक मामले दर्ज करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश टॉप पर है। आयोग को उत्तर प्रदेश से आधे से अधिक यानी कि 1,461 शिकायतें मिली हैं।

हाल ही में हापुड़ में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का दर्दनाक मामला सामने आया। बच्ची अस्पताल में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। तो वहीं पिछले चार दिन से पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक एक भी आरोपी हाथ में नहीं आया है। महिला आयोग ने इस मामले में भी संज्ञान लिया है।

उत्तर प्रदेश के बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सबसे अधिक मामले राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज हुए हैं। जुलाई महीने में दिल्ली में कुल 338 मामले दर्ज हुए। यहां लॉ एंड ऑर्डर यानी कानून व्यवस्था केंद्र की मोदी सरकार के अधीन है।

बढ़ते मामलों पर क्या बोलीं एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शिकायतों में बढ़ोतरी के लिए आयोग की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती गतिविधि को जिम्मेदार बताया।

रेखा शर्मा के कहा, “शिकायतें बढ़ी हैं क्योंकि हम अब सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं। हम ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से भी मामले दर्ज कर रहे हैं। हमारे पास मामलों की रिपोर्टिंग के लिए एक वॉट्सऐप नंबर है जो पहले नहीं था।”

बता दें कि अप्रैल की शुरुआत में राष्ट्रीय महिला आयोग ने लॉकडाउन के चलते बढ़ीं घरेलू हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई थी। आयोग के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें लगभग दोगुनी आईं, जबकि तब ज्यादातर ऑनलाइन शिकायतें ही दर्ज हो पा रही थी। मार्च के पहले सप्ताह में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 116 शिकायतें मिली थीं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान 23 से 31 मार्च के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़कर 257 हो गई थीं। उस समय भी उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक मामले सामने आए थे।

इसे पढ़ें: लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामले बढ़े, महिला उत्पीड़न में यूपी सबसे आगे

पितृसत्तात्मक सोच और महिलाएं

महिला अधिकारों के लिए कार्यरत शबनम कहती हैं कि ये अच्छी बात है कि अब महिलाएं शिक्षित  हो रही हैं, जागरूकता बढ़ रही है इसकी वजह से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि वो ये भी मानती हैं कि अभी भी ऐसे मामलों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है जो दर्ज नहीं हो पाते।

शबनम के अनुसार, हमेशा से ही आपदाएं और महामारी महिलाओं के सामने दोहरी चुनौती खड़ी कर देती हैं। एक ओर उन्हें कठिन परिस्थिति का सामना करना होता है तो वहीं दूसरी ओर खुद को शोषण से बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। मौजूदा समय में घर में कैद होने के कारण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं।

लॉकडाउन की शुरुआत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की खबरों पर गैर सरकारी संगठन 'मैत्री' के साथ जुड़ी वकील मनीषा जोशी ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा था, “जब लॉकडाउन के चलते दुनियाभर में महिलाओं के उत्पीड़न की खबरें आईं तभी ये बात साफ थी कि भारत में भी ऐसे मामले बहुत बड़ी संख्या में देखने को मिलेंगे। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब दुनियाभर में कोरोना संकट का दौर चल रहा है तब महिलाएं एक और संकट का सामना कर रही हैं। इस वक्त लोग घरों में बंद हैं तो जाहिर है ज्यादा चिड़चिड़ापन हो जाता है और इसकी सारी कसर फिर घर की औरतों पर ही निकलती है। ऐसे में कोशिश सामंजस्य की होनी चाहिए। काम में कमियां निकालने की बजाय पुरुषों को महिलाओं के काम में हाथ बंटाना चाहिए क्योंकि औरतों के लिए इस वक्त वर्क फ्राम होम के साथ ही घर की भी दोहरी जिम्मेदारी है।”

मनीषा आगे बताती हैं कि घरेलू हिंसा की जड़ पितृसत्तात्मक सोच में है- जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार को माफ़ कर दिया जाता है और महिलाओं के साथ मार पीट को सही ठहराया जाता है। महिलाएं स्वीकार नहीं करना चाहती हैं कि वे घरेलू हिंसा का शिकार हैं। अपने घर में क्या चल रहा है, ये बताना नहीं चाहती।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी दुनिया भर में लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामलों पर चिंता व्यक्त की थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इन हालात में महिलाओं व लड़कियों के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों में ‘भयावह बढ़ोत्तरी’ दर्ज किए जाने पर चिंता जताते हुए सरकारों से ठोस कार्रवाई का आह्वान किया था। हालांकि भारत सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। जून में जब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने इसे एनजीओ से जुड़े कुछ लोगों द्वारा डर फैलाने की बात करार देते हुए है मामलों में बढ़ोतरी के दावे को खारिज किया।

इसे पढ़ें : कोरोना संकट के बीच दुनियाभर में बढ़े घरेलू हिंसा के मामले

ncw
National women commission
MeToo
crimes against women
violence against women
UttarPradesh
women safety
CRIMES IN UP

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License