NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
घाना में राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल के लिए अकुफो-एडो ने ली शपथ
हालांकि सत्तारूढ़ न्यू पैट्रियोटिक पार्टी (एनपीपी) ने राष्ट्रपति पद को बरकरार रखा है लेकि संसद में इसे केवल एक सीट ही ज्यादा है क्योंकि साल 2016 की तुलना में पार्टी के सीट-शेयर में भारी गिरावट देखी गई।
पीपल्स डिस्पैच
08 Jan 2021
घाना में राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल के लिए अकुफो-एडो ने ली शपथ

नए स्पीकर के चुनाव के दौरान संसद में हाथापाई के एक दिन बाद गत रात घाना के नव निर्वाचित राष्ट्रपति नाना अकुफो-एडो ने 7 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए उस समारोह में शपथ ली जिसका विरोध विपक्ष के उन सांसदों ने किया जिन्होंने चुनाव परिणाम को लेकर विवाद खड़ा किया था।

7 दिसंबर को हुए चुनाव में अकुफो-एडो की सत्तासीन न्यू पैट्रियॉटिक पार्टी (एनपीपी) ने 51.59% का वोट शेयर हासिल किया था। मामूली अंतर के साथ नेशनल डेमोक्रेटिक कांग्रेस (एनडीसी) के मुख्य विपक्षी उम्मीदवार जॉन महामा को हराया था जिसे 47.36% वोट मिले थे।

उधर चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की खबर है।

हालांकि, इसे अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण चुनाव माना गया था। पश्चिम अफ्रीका के घाना को अधिक स्थिर लोकतंत्र माना जाता है जहां 2000 के दशक के बाद से व्यापक हिंसा के बिना चुनाव के बाद सत्ता हस्तांतरण हुआ है।

फिर भी, एनडीसी ने धोखाधड़ी के "व्यापक सबूत" होने का दावा किया है। 2012 से जनवरी 2017 तक देश के राष्ट्रपति जॉन महामा ने 31 दिसंबर को परिणामों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है।

इस अनिश्चितता के बीच पिछली संसद का चार साल का कार्यकाल 6 जनवरी की आधी रात को समाप्त हो गया। आधी रात के ठीक बाद 7 जनवरी को जब संसद के नए निर्वाचित या पुन: निर्वाचित सदस्य नई संसद के स्पीकर का चयन करने के लिए कक्ष में गए तो सत्तारूढ़ एनपीपी के एक सदस्य कार्लोस अहेनकोराह ने बैलट बॉक्स छीनने और चैंबर से बाहर निकलने का प्रयास किया जिससे दोनों दलों के सांसदों के बीच झड़पें हुईं जो घंटों तक चली। सेना के हस्तक्षेप के बाद ही संसद में ये झड़पें रुकीं।

इन चुनाव परिणामों ने 275 सदस्यों वाली संसद को दो मुख्य दलों के बीच लगभग आधे आधे में विभाजित कर दिया था, जिसमें एनपीपी को 137 सीटें और एनडीसी को 136 सीटें मिली थी। साल 2016 में एनपीपी की 169 सीटों की तुलना में एनपीपी की सीटों में भारी गिरावट आई जबकि एनडीसी में पिछली 106 सीटों की तुलना बढ़त देखी गई।

Baffour
Ankomah
Ghana
Nana Akufo-Addo
New Patriotic Party
National Democratic Congress

Related Stories

दुनिया में अंतर्निहित नस्लवाद और असहिष्णुता के मूल कारणों की पड़ताल

एसएमजी की पहली राष्ट्रीय कांग्रेस ने पैन-अफ़्रीकीवाद, साम्राज्यवाद-विरोधी और अंतर्राष्ट्रीयवाद का आह्वान किया

कैसे घाना को अमेरिका ने अपना गुलाम बना लिया?


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License