NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बीएचयू : संघ का झंडा हटाने पर डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज, दिया इस्तीफा
डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं पता था कि वो आरएसएस का झंडा है। अयोध्या फैसले के चलते पूरे इलाके में धारा 144 लागू थी, जब मैं मैदान में गई तो वहां किनारे एक ऑरेंज कलर का झंडा लगा था, मैंने कुछ बच्चों से पूछा भी कि किसका झंडा है, जब मुझे नहीं पता लगा तो मैंने अपने चपरासी को बोलकर झंडा उतरवा लिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Nov 2019
BHU
Image courtesy: Facebook

मिर्जापुर के बरकछा स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के राजीव गांधी दक्षिण परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का झण्डा हटाए जाने पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में आरएसएस के जिला कार्यवाहक चंद्रमोहन की शिकायत पर देहात कोतवाली में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

देहात कोतवाली निरीक्षक अभय सिंह ने बताया कि पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार राजीव गांधी दक्षिण परिसर के मैदान में मंगलवार 12 नवंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य शाखा लगाकर योगाभ्यास कर रहे थे।

उन्होंने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि इस बीच डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले वहाँ पहुंच गईं और आरएसएस का झंडा उखाड़ दिया तथा उसे लेकर चली गईं। झंडा लगाने का विरोध करते हुए डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि "ध्वज नहीं लगेगा, आप योग कर सकते हैं।"

क्या है पूरा मामला?

साउथ कैंपस में मंगलवार, 12 नवंबर सुबह कुछ छात्र स्टेडियम में संघ का ध्वज लगा कर योगाभ्यास कर रहे थे। इस बीच, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रो. किरण दामले भ्रमण करते हुए वहां पहुंचीं। उन्होंने संघ का ध्वज हटाकर अपने कार्यालय में रखवा दिया। इससे नाराज छात्र धरने पर बैठ गए। जानकारी होते ही नगर विधायक रत्नाकर मिश्र व आरएसएस के जिला कार्यवाह चन्द्रमोहन भी मौके पर पहुंच गए।

खबरों के अनुसार संघ के सदस्यों ने झंडा उखाड़ने का विरोध किया और इसे झंडे का अपमान बताया तथा प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि डिप्टी चीफ प्रॉक्टर इस्तीफा दें और उन लोगों को अगले दिन से ध्वज लगाकर योगाभ्यास करने दिया जाए। छात्रों ने डिप्टी चीफ प्रॉक्टर पर झंडे का अपमान करने के साथ ही अपने साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।

घटना की जानकारी होने पर आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाह सोहन मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग करने लगे। थोड़ी देर में ही नगर विधायक रत्नाकर मिश्र भी मौके पर पहुंच गए और दोनों ने कार्रवाई की मांग की।मामला बढ़ते देख डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया और झंडा हटाने पर माफी मांगी।

इसके बाद संगठन के जिला कार्यवाहक चंद्रमोहन की तहरीर पर देहात कोतवाली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।

देहात कोतवाली निरीक्षक ने कहा कि धाराएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ी हैं । मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच की जा रही है

डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं पता था कि वो आरएसएस का झंड़ा है। अयोध्या फैसले के चलते पूरे इलाके में धारा 144 लागू थी, जब मैं मैदान में गई तो वहां किनारे एक ऑरेंज कलर का झंड़ा लगा था, मैंने कुछ बच्चों से पूछा भी की किसका झंडा है, जब मुझे नहीं पता लगा तो मैंने अपने चपरासी को बोलकर झंड़ा उतरवा लिया। जिसके बाद कुछ बच्चे आए और उन्होंने कहा कि झंड़ा आरएसएस का है, जिस पर मैंने कहा कि ठीक है आप मेरे ऑफिस से ले लिजिएगा। जिसके बाद कुछ छात्रों ने विरोध किया तो मैंने इस्तीफा भी दे दिया। जिसके बाद मामला शांत हो गया।"

किरण ने आगे बताया कि बाहरी लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं। संस्थान के छात्रों के मन में कोई शिकवा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया और नाही मेरी किसी की भावनाओं को आहत करने की कोई मंशा थी।

इस संबंध में साउथ कैंपस की आचार्य प्रो. रमादेवी निम्नापल्ली ने बताया, ‘विश्वविद्यालय का माहौल पूरी तरह शांत है। किरण दामले ने जानबूझ कर नहीं झंड़ा हटवाया था। कुछ बाहरी तत्व और मीडिया बेवजह मामले को बढ़ा रहे हैं। 12 नवंबर को केवल आधे-एक घंटे के छात्रों के प्रदर्शन के बाद मामला डिप्टी प्रोक्टर के इस्तीफे के बाद शांत हो गया था। तब से परिसर में सब-कुछ सामान्य है'।

उन्होंने आगे कहा कि मामले को राजनीतिक तूल न दिया जाए। यह विश्वविद्यालय परिसर का मामला है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले से निबटने में सक्षम है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

BHU
RSS
RSS flag
FIR against Chief proctor
mirzapur
BJP RSS

Related Stories

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !

कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है

कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...

पीएम मोदी को नेहरू से इतनी दिक़्क़त क्यों है?

कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License