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भारत
कोरोना काल में चक्रवात का संकट: तेज़ हवा और बारिश के साथ प.बंगाल के तट से टकराएगा 'अम्फान'
मौसम विभाग ने बताया कि इस ‘महा चक्रवाती तूफान’ के 20 मई दोपहर या शाम में पश्चिम बंगाल के तट से टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार पहले 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने एवं इसके बाद और भी अधिक तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे के उच्च स्तर को भी छू जाने की प्रबल संभावना है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
19 May 2020
 चक्रवात का संकट

नयी दिल्ली : इस कोरोना संकट के समय में चक्रवात भी हमारी व्यवस्था की परीक्षा लेने आ रहा है। जी हां, दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महा चक्रवात आ रहा है। महा चक्रवात 'अम्फान' के बुधवार को पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना है। इसके चलते करीब तीन लाख लोगों को तटीय क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

एक सरकारी बयान में बताया गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की मंगलवार की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई है। इस बैठक में चक्रवाती तूफान से निपटने में राज्य, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लिया गया है।

भारत मौसम विभाग ने बताया कि इस ‘महा चक्रवाती तूफान’ के 20 मई दोपहर या शाम में पश्चिम बंगाल के तट से टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार पहले 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने एवं इसके बाद और भी अधिक तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे के उच्च स्तर को भी छू जाने की प्रबल संभावना है।

बयान के मुताबिक, विभाग ने बताया कि इसके साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। इस तूफान से पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के काफी प्रभावित होने का अंदेशा है।

इसमें बताया गया है कि 'अम्फान' तूफान से नुकसान की संभावना इससे पहले आए चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ से हुई भारी क्षति से भी कहीं अधिक होने का अंदेशा है, जो नौ नवंबर 2019 को पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था।

इस चक्रवाती तूफान से ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भी अत्यंत तेज बारिश होने, अचानक से तेज हवाएं चलने और समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने की आशंका है।

ओडिशा के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को उनके द्वारा किए गए प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। बिजली एवं टेलीकॉम सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए संबंधित टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।

बयान के मुताबिक, राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों से कहा कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले निचले इलाकों से समय पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। इसके साथ ही आवश्यक आपूर्ति जैसे कि भोजन, पेयजल एवं दवाइयां आदि को पर्याप्त मात्रा में बनाए रखा जाए।

बयान के अनुसार, राज्य सरकारों को यह भी सलाह दी गई कि सड़कों से मलबा हटाने और अन्य बहाली कार्यों के लिए टीमों को तैयार रखा जाए।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 36 टीमों को वर्तमान में दोनों राज्यों में तैनात किया गया है।

सेना और नौसेना के बचाव एवं राहत दलों के साथ-साथ नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के जहाजों एवं विमानों को भी आपात व्यवस्था के तौर पर रखा गया है। आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग और ऊर्जा मंत्रालय की एजेंसियों के अधिकारियों को भी राज्यों में तैनात किया गया है।

ओडिशा के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। गृह, रक्षा, जहाजरानी, बिजली, दूरसंचार एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों, मौसम विभाग, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।

बयान के मुताबिक, इस तूफान से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए एनसीएमसी की बैठक फि‍र से होगी।

सरकार ने पहले बताया था कि चक्रवात 'अम्फान' बंगाल की खाड़ी के ऊपर सोमवार को महा चक्रवात में तब्दील हो गया और इससे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में काफी नुकसान होने का अंदेशा है।

यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महा चक्रवात है।

चक्रवात अम्फान के मद्देनजर तीन लाख लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया: बनर्जी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि आसन्न चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों से कम से कम तीन लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाये गये है।

बनर्जी ने कहा कि वह और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और कई हेल्पलाइन नंबरों की घोषणा की गई है।

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘महाचक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती उपाय किये गये हैं। कम से कम तीन लाख लोगों को राज्य के तटीय जिलों से हटाया गया है और राहत शिविरों में ले जाया गया है।’’

बनर्जी ने कहा कि निकाले गये सभी लोगों को चक्रवात राहत शिविरों में ले जाया गया है और अन्य सभी सावधानियां बरती जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह रेलवे से एहतियात के तौर पर बुधवार से बृहस्पतिवार तक प्रवासी श्रमिकों को राज्य में वापस लाने के लिए कोई ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेन नहीं चलाये जाने के बारे में बात करेगी।

अम्फानः सुंदरबन में त्वारित प्रतिक्रिया दल बाघों की गतिविधि पर नजर रखेंगे

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बुधवार को 'अम्फान' चक्रवात आने की संभावना के बीच वन विभाग ने मंगलवार को त्वारित प्रतिक्रिया दल गठित किए हैं जो सुनिश्चित करेंगे कि दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन के बाघ तूफान के दौरान भटकर पास की मानव बस्तियों में नहीं जाएं।

मुख्य वन्यजीव वार्डन रवि कांत सिन्हा ने कहा कि विभाग ने जिले के गोसाबा इलाके में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है जो जंगल में 24 घंटे स्थिति की निगरानी करेगा।

विभाग ने साल्ट लेक इलाके में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया है जो गोसाबा इकाई से लगातार संपर्क में रहेगा और वन में वन्य जीव की गतिविधि पर करीब से निगाह रखेगा।

सिन्हा ने बताया कि अगर बाघों ने अपने मूल अभयारण्य इलाके से निकल कर पास के गांव जाने की कोशिश की तो, हम इन नियंत्रण कक्षों के जरिए इसका पता लगा पाएंगे और हमारी त्वारित प्रतिक्रिया दल पशु को वापस भेजने के लिए कदम उठाएंगे।

उन्होंने बताया कि सुंदरबन में बाघों की संख्या 96 है, जिनमें से 73 मूल अभयारण्य क्षेत्र में हैं जबकि 23 उसके आसपास के हिस्से में।

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