हाल ही में होने वाले अमेरिका चुनाव में राष्ट्रपति पद के दावेदार बर्नी सैंडर्स ने कहा है कि वो American-Israel Public Affairs Committee यानी एआईपीएसी की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वर्मांट से सीनेटर ने इस संगठन की राजनीति पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह संगठन इतिहास में फ़िलिस्तीनियों का शोषण करने वालों को मंच प्रदान करता रहा है।
सैंडर्स ने ट्विटर पर लिखा, "मैं एआईपीएसी के मंच के बारे में चिंतित हूँ जहाँ हमेशा से उन लोगों को जगह दी जाती है जिन्होंने फ़िलिस्तीन की जनता के अधिकारों का हनन किया है और कट्टर व्यवहार किया है।"
उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा है, "राष्ट्रपति के तौर पर मैं इज़रायल और फ़िलिस्तीन दोनों की जनता के अधिकारों का समर्थन करूंगा और इन क्षेत्रों में शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।" सैंडर्स ने इससे पहले फ़िलिस्तीन-इज़रायल रिश्ते को सुलझाने और फ़िलिस्तीन को आत्म निर्णय की ताक़त मुहैया कराने के लिए प्रस्ताव पारित करने की वकालत की है।
यह बयान काफ़ी हद तक नेतन्याहु से संबन्धित है। इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहु ने लगातार फ़िलिस्तीन और ग़ाज़ा में जंग अपराधों को अंजाम दिया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें AIPAC में मंच प्रदान किया गया था। AIPAC अपने अभियानों के लिए भी कुख्यात है, जो बहिष्कार, विभाजन और प्रतिबंधों (बीडीएस) के समर्थकों के ख़िलाफ़ मसौदा तैयार करने और क़ानून बनाने पर ज़ोर दे रहा है, जो इसकी वकालत को अपराध बना देगा।
AIPAC पॉलिसी कॉन्फ्रेंस इस साल 1 से 3 मार्च तक वॉशिंग्टन डीसी में होने वाली है। इसमें हमेशा से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार शामिल होते रहे हैं। एआईपीएसी अमेरिका में इजरायल समर्थक और प्रो-ज़ायोनी लॉबी समूह में से एक है, जिन पर अक्सर फिलिस्तीनियों पर किए गए अत्याचारों को सफेद करने और इज़राइल की आलोचनाओं के लिए हमला करने का आरोप लगाया गया है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच