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राजनीति
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अमेरिका
बाइडेन प्रशासन फ़िलिस्तीनियों के साथ संबंधों को बहाल करते हुए उन्हें वित्तीय सहायता देगा
हालांकि मौजूदा अमेरिकी सरकार अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरुशेलम स्थानांतरित करने के पिछले ट्रम्प प्रशासन के फैसले को नहीं पलटेगा।
पीपल्स डिस्पैच
27 Jan 2021
बाइडेन प्रशासन

पूर्ववर्ती ट्रम्प प्रशासन के कामकाज के उलट राष्ट्रपति जो बाइडेन के अधीन नई अमेरिकी सरकार ने मंगलवार 26 जनवरी को कहा कि वह यूनाइटेड स्टेट्स में फिलिस्तीनी राजनयिक मिशन को फिर से बहाल कर और फिलिस्तीन को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता व मानवीय सहायता को फिर से शुरु कर फिलिस्तीनी सरकार और वहां के लोगों के साथ अपने टूटे हुए संबंधों को बहाल करने के लिए कदम उठाएंगे।

रिपोर्टों में संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रिचर्ड मिल्स के हवाले से लिखा गया है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि बाइडेन प्रशासन को पिछली सरकार के दौरान अमेरिका और फिलिस्तीन के बीच टूटे हुए और समाप्त किए गए रिश्तों को लेकर अफसोस है और यह संबंधों को बहाल करने के लिए कार्रवाई शुरू कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ अपने सच्चे और पक्के सहयोगी के रूप में खड़ा रहेगा।

रिपोर्ट के अनुसार नई सरकार ट्रम्प प्रशासन की सार्वभौमिक रूप से खारिज की गई 'डील ऑफ द सेंचुरी' के विपरीत 'टू-स्टेट सॉल्यूशन' के लिए अमेरिकी समर्थन को बहाल रखेगा। डील ऑफ दे सेंचुरी की मानवाधिकार समूहों द्वारा एकतरफा, इजरायल के प्रति भारी झुकाव वाला और इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के रंगभेद और कब्जे को कानूनी रूप से मान्यता देते और आधिकारिक रूप से मान्यता देते हुए निंदा की गई थी।

हालांकि, नव नियुक्त सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंथनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिकी सरकार येरूशेलम से तेल अवीव अमेरिकी दूतावास को वापस नहीं ले जाएगी। ये एक विवादास्पद और व्यापक रुप से निंदा किए गया निर्णय जिसे साल 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लिया गया था जो अंतरराष्ट्रीय सहमति के खिलाफ था साथ ही साथ अमेरिकी नीति और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन था।

बाइडेन प्रशासन ने अब तक अन्य एकतरफा निर्णयों पर कुछ नहीं किया है जो कि ट्रम्प प्रशासन ने अपने कार्यकाल में लिया था। इन निर्णयों में सीरियाई गोलान हाइट्स पर इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देना, येरुशेलम को "अपरिवर्तनशील और अविभाजित राजधानी" के रूप में इजरायल के दावों को मान्यता देना, कब्जे वाले फिलिस्तीनी भूमि पर अवैध यहूदी बस्तियों के लिए अमेरिका के समर्थन और अमेरिका में बीडीएस आंदोलन जैसे निर्णय शामिल हैं।

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