NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
यूएई से ट्रंप प्रशासन के हथियारों की बिक्री के सौदे को आगे बढ़ाने के बाइडन के फ़ैसले की कड़ी आलोचना
बाइडन प्रशासन ने यमन युद्ध में यूएस की भागीदारी को समाप्त करने के अपने चुनावी वादे के तहत जनवरी के अंत में 23 मिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियारों की बिक्री को निलंबित कर दिया था।
पीपल्स डिस्पैच
15 Apr 2021
यूएई से ट्रंप प्रशासन के हथियारों की बिक्री के सौदे को आगे बढ़ाने के बाइडन के फ़ैसले की कड़ी आलोचना

मानव अधिकार और युद्ध-विरोधी कई एक्टिविसट ने संयुक्त अरब अमीरात को 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचने के ट्रम्प प्रशासन के फैसले को आगे बढ़ाने के जो बाइडन प्रशासन के फैसले की आलोचना की है। बाइडन प्रशासन ने पहले एक्टिविस्टों और देश में डेमोक्रेट्स की भारी आलोचना के बाद इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

यमन में जारी युद्ध को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी के ज्यादातर नेताओं और एक्टिविस्टों ने इस सौदे का विरोध किया है। रिपोर्टों के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने इस सौदे के खिलाफ डेमोक्रेट्स के बीच एक असाधारण सामंजस्य को बिखेर दिया और इस सौदे के पक्ष में आगे बढ़ने का फैसला किया।

सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का यूएई हिस्सा है जो 2015 से यमन के खिलाफ युद्ध जारी रखे हुए है। यह यमन में नागरिकों पर हवाई हमले के साथ-साथ कई युद्ध अपराध के साथ साथ हजारों मौतों के लिए ज़िम्मेदार है। इसने देश में लाखों लोगों को आवश्यक चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति से वंचित करते हुए यमन पर जमीनी, समुद्री और हवाई नाकेबंदी कर रखी है।

इस पर लीबिया में युद्धरत गुटों को हथियार मुहैया कराने का भी आरोप है जो संयुक्त राष्ट्र के सशस्त्र प्रतिबंधों का पूरी तरह से उल्लंघन है।

पिछले साल सितंबर में इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए तथाकथित अब्राहम के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने 18 एमक्यू 9-बी मानव रहित एरियल सिस्टम के साथ 50 एडवांस्ड एफ-35 लड़ाकू जेट बेचने के सौदे को मंजूरी दी थी।

जो बाइडन ने अपने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान यमन युद्ध में अमेरिका की भागीदारी की आलोचना की थी और सत्ता में आने के बाद इसे समाप्त करने का वादा किया था। जनवरी महीने में राष्ट्रपति के रुप में जो बाइडन के कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री को निलंबित कर दिया था। इस निर्णय का पीस एक्टिविस्टों ने स्वागत किया था।

मंगलवार के फैसले को लेकर पीस एक्टिविस्ट, युद्ध-विरोधी समूहों और यहां तक कि अमेरिका के डेमोक्रेट्स ने कड़ी आलोचना की है। इस निर्णय की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए युद्ध-विरोधी नारीवादी समूह CODEPINK की मेडिया बेंजामिन ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात को एडवांस हथियार बेचना और ठीक इसी समय यमन में युद्ध में अमेरिकी भूमिका को समाप्त करने के बारे में बात करने का कोई अर्थ नहीं है।

UAE
trump administration
Donald Trump
Joe Biden

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License