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बिहार; कोरोना संकट: मोदी सरकार के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद
राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस अभियान के तहत राजधानी पटना से लेकर राज्य के विभिन्न जिला, प्रखंडों तथा कस्बा-गावों में विरोध प्रदर्शित किया गया। सभी जगहों पर नारे लिखे पोस्टरों के साथ लोग अपने अपने घरों, जगहों व पार्टी कार्यालयों में खड़े हुए।
अनिल अंशुमन
17 May 2021
बिहार; कोरोना संकट: मोदी सरकार के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद

बिहार समेत पूरे देश में कोविड संक्रमण के कहर के सामने लोगों को असहाय अकेला छोड़ देने तथा संक्रमितों को समय पर ऑक्सीजन, बेड, अस्पाताल व समुचित इलाज और दवाओं के नहीं मिलने के कारण तड़प-तड़प कर हो रही मौतों के लिए भाकपा माले ने मोदी सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया है।

15 मई को इस सवाल पर मोदी सरकार से इस्तीफे की मांग को लेकर राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया गया। इस अभियान के जरिये एम्बुलेंस ‘घोटाला’ के आरोपी छपरा से भाजपा सांसद राजीव प्रसाद रूड़ी की गिरफ्तारी व इस काण्ड का पर्दाफाश करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव की अविलम्ब रिहाई की मांग करते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग की गई।

राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस अभियान के तहत राजधानी पटना से लेकर राज्य के विभिन्न जिला, प्रखंडों तथा कस्बा-गावों में विरोध प्रदर्शित किया गया। सभी जगहों पर ‘ देश को कोरोना महामारी में धकेलने वाले देश बेचू… मोदी शाह गद्दी छोड़ो’ , ‘ एम्बुलेंस घोटालेबाज भाजपा सांसद रूडी को गिरफ्तार करो, पप्पू यादव को रिहा करो’ तथा ‘ बिहार के नकारा स्वस्थ्य मंत्री को बर्खास्त करो’  जैसे नारे लिखे पोस्टरों के साथ लोग अपने अपने घरों, जगहों व पार्टी कार्यालयों में खड़े हुए।

इस अभियान के माध्यम से 18 से 45 वर्ष की आयु वालों के टीकाकरण में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बाध्यता समाप्त करने, पूरे राज्य में त्वरित जांच, समुचित इलाज व टीकाकरण केन्द्रों का पंचायत स्तर तक विस्तार किये जाने, गाँव गाँव मेडिकल टीमें भेजकर जांच व जागरूकता अभियान चलाने, सभी जिला अस्पतालों को ज़ल्द से ज़ल्द आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटिलेटरयुक्त बनाने, सभी प्राथमिक स्वास्थय केन्द्रों और सामुदायिक रेफरल अस्पताओं को कोविड इलाज केन्द्रों में विस्तारित करने, व्यापक पैमाने पर स्थायी डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली करने, सभी मेडिकल अस्पतालों में भर्ती होने के लिए कोविड पॉजिटिव होने की शर्त समाप्त किये जाने, आशाकर्मियों व सफाईकर्मियों समेत सभी कोरोना वारियर्स का स्वास्थ्य बीमा लाभ व विशेष भत्ता देने, जनवितरण प्रणाली डीलरों से वार्ता कर उनकी जारी हड़ताल समाप्त करवाने, लॉकडाउन के कारण सब्जी उत्पादक किसानों की फसलों की बिक्री की गारंटी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बंटाइदारों समेत सभी किसानों की गेहूं खरीद की गारंटी करने की भी मांग की गयी।

भाकपा माले बिहार के सभी विधायकों व केन्द्रीय नेताओं ने अपने अपने इलाकों में जनता की महामारी चिकित्सीय सेवा जारी रखते हुए इस अभियान का नेतृत्व किया।

सिवान के मैरंवा विधायक ने स्थानीय अस्पताल की कुव्यवस्था के खिलाफ अस्पताल परिसर के सामने धरना पर बैठकर अपना विरोध प्रदर्शित किया।

अभियान में शामिल माले नेताओं ने स्थानीय मीडिया के साथ साथ स्वतंत्र वीडियो क्लिप जारी करते हुए कहा कि आंकड़े गवाह हैं कि किस तरह से मोदी सरकार ने पूरे देश को कोरोना महामारी में धकेल दिया है। जो सरकार अपने नागरिकों की ज़िन्दगी को दाँव पर लगा दे, उसे एक मिनट भी सत्ता में रहने का हक नहीं है। सरकार के तमाम दावों के विपरीत आज टीका केन्द्रों पर टीके नहीं उपलब्ध हो पा रहें हैं। इसलिए जनता से हमारी अपील है कि वे सरकार पर दबाव बनाएं।

लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट जारी कर कहा है कि कोरोना और बिहार की सरकार दोनों ही जनजीवन के लिए खतरनाक हैं और दोनों ही अदृश्य हैं नज़र नहीं आतीं। जो जीते जी लोगों को दवा, ऑक्सीजन, बेड और इलाज तो नहीं ही दिया जा रहा है, मरने के बाद दो गज कफ़न और दफ़न के लिए ज़मीन भी नसीब नहीं हो रही है।

दूसरी ओर, सरकार हर दिन मीडिया से सुर्ख़ियों में संक्रामितों की रफ़्तार घटने और रिकवरी रेट बढ़ने की ख़बरें दनादन प्रकाशित करवा रही है। जबकि मीडिया में ही राज्य के मुख्य अस्पताल पीएमसीएच में महिला को आईसीयू नहीं मिलने से इलाज के अभाव में मौत होने जैसी ख़बरों के आने का सिलसिला थमा नहीं है।

माले ने ट्वीट जारी कर नीतीश कुमार सरकार पर ताज़ा आरोप यह भी लगाया है कि अब जबकि गांवों तक महामारी संक्रमण बुरी तरह फ़ैल चुका है और काफी संख्या में लोग बीमार हो रहें हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड टेस्ट में कम लोगों के पॉजिटिव होने का आंकड़ा पेश करके बचे हुए लोगों को भी मौत के मुंह में धकेल रहा है।

ख़बरों के अनुसार भाजपा सांसद के एम्बुलेंस प्रकरण को वायरल करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध कर रहीं उनकी पत्नी रंजीता रंजन ने जदयू-भाजपा पर आरोप लगाया है कि राजनीतिक बदला लेने के लिए ही बत्तीस साल पुराने केस में जबरन फंसा कर जेल भिजवाया गया है। पप्पू यादव की अविलम्ब रिहाई नहीं होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दिए जाने पर प्रदेश जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि वे आपदा में भी राजनीति कर रहीं हैं।

महामारी संक्रमण से निपटने में बिहार सरकार की कागज़ी सक्रियता का एक और नमूना उस समय सामने आया जब पिछले गुरुवार को लगातार फटकार लगा रहे पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार की ओर से 184 पन्ने का हलफनामा पकड़ा दिया गया, तो कोर्ट ने कहा कि इतने कम समय में इसे नहीं देखा जा सकता है। उसने अपने कोर्ट मित्र से कहा कि फिलहाल इस हलफनामे से वे एक चार्टर बानाएं जिससे पता चले कि किस अस्पताल में कितना बेड, वेंटिलेटर– ऑक्सीजन की क्या स्थिति है और दवा भण्डारण से मरीजों को दवाएं मिल रहीं हैं या नहीं। अगली सुनवाई 20 मई को होनी है। सियासी और सोशल मीडिया की चर्चाओं सरकार की खिंचाई इस बात को भी लेकर की जा रही है कि कल तक इनके नेता प्रवक्ता कोरोना महामारी टीके की उपलब्धता को लेकर प्रधानमंत्री व केंद्र की तारीफों के पुल बाँध रहे थे आज कहने लगे हैं कि सिर्फ केंद्र के ही भरोसेर हना सही नहीं है और बिहार की सरकार को भी टीका के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए।

एक चर्चा यह भी है कि जिस बक्सर में गंगा नदी में बहकर आ रही लाशों के मामलों से पूरे देश विदेश में भारत की काफी किरकिरी हुई, जानें क्यों अब उससे जुड़ी ख़बरें अचानक से आनी बंद हो गयीं हैं।

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