बिहार चुनाव में सोशल मीडिया, प्रचार का एक बड़ा मंच बना हुआ है। बीजेपी जिसका खूब इस्तेमाल भी कर रही है। सोशल मीडिया पर सबसे शक्तिशाली उपस्थिति बीजेपी की है। हर रोज़ लगातार उपलब्धियों के विज्ञापन पोस्ट किये जा रहे हैं। पिछले कार्यकाल के विकास कार्यों के दावे किये जा रहे हैं। जिनका सोशल मीडिया पर खूब प्रचार हो रहा है और जिनमें बीजेपी धड़ल्ले से फ़र्ज़ी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रही हैं।
इस लेख में हम उन प्रचार सामग्रियों में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का विश्लेषण और जांच-परख करेंगे। क्योंकि बीजेपी बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों और अन्य देशों के फोटो को बिहार के संदर्भ में इस्तेमाल कर रही है। जिससे ये सवाल उठना वाज़िब है कि जब विकास का दावा बिहार का है तो फोटो श्रीलंका, केन्या, छत्तीसगढ़ या कहीं और का क्यों? फ़र्ज़ी तस्वीरों के ज़रिये प्रचार के इस गोरखधंधे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं। आइये कुछ उदाहरण देखते हैं।
विज्ञापन एक
बिहार बीजेपी के आधिकारिक अकाउंट से 14 अक्टूबर को एक ट्वीट किया गया। जिसमें सैकड़ों पुल, हज़ारों किमी सड़क और हर घर जल पहुंचाने का दावा किया है। ट्वीट किये गये ग्रैफिक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष के फोटो के अलावा तीन और फोटो का इस्तेमाल किया गया है। इस लिंक पर क्लिक करके आप ट्वीट देख सकते हैं। ग्रैफिक में सड़कों की खूबसूरती दिखाने के लिए जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि विजयवाड़ा नेशनल हाइवे-16 मंगलगिरी का है। इस फोटो को 9 जुलाई 2016 को प्रताप ने लिया था। फोटो के बारे विस्तरित जानकारी आप इस लिंक पर देख सकते हैं।


विज्ञापन दो
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 13 अक्टूबर को ट्वीट किया। जिसमें गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने क प्रचार था। ट्वीट आप इस लिंक पर देख सकते हैं। जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार के निसारपुर गांव की रीना देवी का है। फोटो की कहानी बिल्कुल ही अलग है। रीना देवी ने गैस कनेक्शन के लिये धन्यवाद नहीं दिया था बल्कि उज्ज्वला योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनसे गैस कनेक्शन के बदले तीन हज़ार रुपये लिये गये हैं। इस लिंक पर विस्तार से इस बारे हिंदुस्तान टाइम्स की 30 अप्रैल 2019 की फोटो स्टोरी देख सकते हैं।

विज्ञापन तीन
बीजेपी के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से 9 अक्टूबर को अति पिछड़ावर्ग के छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिए ट्वीट किया गया। ग्रैफिक में बेहतरीन स्कूल की इमारत और पिछड़ावर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये सुंदर हॉस्टल दिखाने के लिये दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। ये दोनों फोटो बिहार की नहीं है। इस लिंक पर आप बीजेपी का ट्वीट देख सकते हैं। स्कूल की इमारत की फोटो शटर स्टॉक से ली गई है। जिसे एक विदेशी फोटोग्राफर कोंस्तातिन ने लिया है। इस लिंक पर क्लिक करके आप देख सकते हैं। देश-विदेश के अनेकों शिक्षण संस्थानों ने इस फोटो का इस्तेमाल किया है।
अति पिछड़ावर्ग के हॉस्टल की जो फोटो लगाई है वो भी बिहार की नहीं बल्कि जस्ट डॉयल से लेकर होटल, रूम और हॉस्टल की सुविधाएं देने वाली अनेकों वेबसाइट पर भरी पड़ी है। नाइज़िरिया की एक शिक्षण संस्थान की वेबसाइट पर आप इसे देख सकते हैं।



विज्ञापन चार
बीजेपी बिहार के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से 5 अक्टूबर को बिहार को खुले में शौचमुक्त होने का विज्ञापन ट्वीट किया। इस लिंक पर आप ट्वीट देख सकते हैं। जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का है। छत्तीसगढ़ में सुंदर शौचालयों की एक प्रतियोगिता की गई थी, उस दौरान का ये फोटो है। इस लिंक पर क्लिक करके आप मूल फोटो देख सकते हैं।

विज्ञापन पांच
बिहार के मुजफ्फरपुर में लीची उत्पादन के प्रचार के लिये एक ट्वीट बीजेपी के आधिकारिक अकाउंट से 17 अक्टूबर को किया गया। इस लिंक पर आप ट्वीट और विज्ञापन देख सकते हैं। लीची के बाग का जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो मुजफ्फरपुर बिहार का नहीं बल्कि केन्या का है। वर्ल्ड फॉरेस्ट्री की वेबसाइट पर ये फोटो 24 अप्रैल 2013 को प्रकाशित हुआ था। इसके फोटोग्राफर प्रताप अंजारवाल्ला हैं। ज्यादा जानकारी के लिये ये लिंक देख सकते हैं।

विज्ञापन छह
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंगल पांडे ने बीमा योजनाओं की उपलब्धियां प्रचारित करने के लिये 19 अक्टूबर को एक ट्वीट किया। जिसे इस लिंक पर आप देख सकते हैं। ट्वीट और ग्रैफिक में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि श्रीलंका का है। ज्यादा जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें। महिला और बच्चों के सशक्तिकरण पर काम करने वाली संस्था वर्ल्ड विज़न ने उन पुरुषों पर एक आर्टिकल लिखा था जो महिलाओं के अधिकारों के लिये काम कर रहे हैं। ये फोटो कोबिनाथ और उसके परिवार का है जो श्रीलंका में रहते हैं।

हमने ऊपर महज़ छह उदाहरण दिये हैं लेकिन बात सिर्फ छह विज्ञापनों तक सीमित नहीं है। बिहार में भाजपा के द्वारा चुनाव प्रचार में फ़र्ज़ी तस्वीरों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इससे पहले भी भाजपा के नेता और मंत्री फ़र्ज़ी तस्वीरों वाले विज्ञापन पोस्ट कर चुके हैं।
सवाल उठता है कि बिहार के ही असली फोटो इस्तेमाल करने में बीजेपी को दिक्कत क्या है? जब बात बिहार के पिछड़ावर्ग के हॉस्टल की है तो फोटो वहीं का क्यों नहीं लगाया जाता? जब बीजेपी ने बिहार में सैकड़ों पुल बनाए हैं तो फोटो विजयवाड़ा का क्यों लगाया जाता है? जब बिहार के स्कूलों का प्रचार कर रहे हैं तो फोटो विदेशी क्यों? क्या बिहार में ऐसा कोई स्कूल नहीं है जिसके फोटो को दिखाकर बीजेपी वोटरों का दिल जीत सके। बिहार में किये गये कार्यों के दावे ठोस हैं तो फोटो फ़र्ज़ी क्यों?
सब जानते हैं कि एक तस्वीर एक हज़ार शब्दों से ज्यादा ताक़तवर होती है। ये वोटरों को गुमराह करने का मामला है। बीजेपी स्पष्ट तौर पर फ़र्ज़ी तस्वीरों के ज़रिये बिहार की जनता को गुमराह कर रही है। कायदे से तो चुनाव आयोग को इसका नोटिस लेना चाहिये और बीजेपी समेत सभी पार्टियों को आदेश देना चाहिये कि विज्ञापनों में फ़र्ज़ी फोटो का इस्तेमाल बंद करें।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)
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