NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार चुनावः बीजेपी का प्रचार माने फ़र्ज़ी तस्वीरों का गोरखधंधा!
जब विकास का दावा बिहार का है तो फोटो श्रीलंका, केन्या, छत्तीसगढ़ या कहीं और का क्यों? फ़र्ज़ी तस्वीरों के ज़रिये प्रचार के इस गोरखधंधे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं। ये वोटरों को गुमराह करने का मामला है।
राज कुमार
02 Nov 2020
बिहार चुनाव

बिहार चुनाव में सोशल मीडिया, प्रचार का एक बड़ा मंच बना हुआ है। बीजेपी जिसका खूब इस्तेमाल भी कर रही है। सोशल मीडिया पर सबसे शक्तिशाली उपस्थिति बीजेपी की है। हर रोज़ लगातार उपलब्धियों के विज्ञापन पोस्ट किये जा रहे हैं। पिछले कार्यकाल के विकास कार्यों के दावे किये जा रहे हैं। जिनका सोशल मीडिया पर खूब प्रचार हो रहा है और जिनमें बीजेपी धड़ल्ले से फ़र्ज़ी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रही हैं।

इस लेख में हम उन प्रचार सामग्रियों में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का विश्लेषण और जांच-परख करेंगे। क्योंकि बीजेपी बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों और अन्य देशों के फोटो को बिहार के संदर्भ में इस्तेमाल कर रही है। जिससे ये सवाल उठना वाज़िब है कि जब विकास का दावा बिहार का है तो फोटो श्रीलंका, केन्या, छत्तीसगढ़ या कहीं और का क्यों? फ़र्ज़ी तस्वीरों के ज़रिये प्रचार के इस गोरखधंधे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं। आइये कुछ उदाहरण देखते हैं।

विज्ञापन एक

बिहार बीजेपी के आधिकारिक अकाउंट से 14 अक्टूबर को एक ट्वीट किया गया। जिसमें सैकड़ों पुल, हज़ारों किमी सड़क और हर घर जल पहुंचाने का दावा किया है। ट्वीट किये गये ग्रैफिक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष के फोटो के अलावा तीन और फोटो का इस्तेमाल किया गया है। इस लिंक पर क्लिक करके आप ट्वीट देख सकते हैं। ग्रैफिक में सड़कों की खूबसूरती दिखाने के लिए जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि विजयवाड़ा नेशनल हाइवे-16 मंगलगिरी का है। इस फोटो को 9 जुलाई 2016 को प्रताप ने लिया था। फोटो के बारे विस्तरित जानकारी आप इस लिंक पर देख सकते हैं।

विज्ञापन दो

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 13 अक्टूबर को ट्वीट किया। जिसमें गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने क प्रचार था। ट्वीट आप इस लिंक पर देख सकते हैं। जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार के निसारपुर गांव की रीना देवी का है। फोटो की कहानी बिल्कुल ही अलग है। रीना देवी ने गैस कनेक्शन के लिये धन्यवाद नहीं दिया था बल्कि उज्ज्वला योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनसे गैस कनेक्शन के बदले तीन हज़ार रुपये लिये गये हैं। इस लिंक पर विस्तार से इस बारे हिंदुस्तान टाइम्स की 30 अप्रैल 2019 की फोटो स्टोरी देख सकते हैं।

विज्ञापन तीन

बीजेपी के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से 9 अक्टूबर को अति पिछड़ावर्ग के छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिए ट्वीट किया गया। ग्रैफिक में बेहतरीन स्कूल की इमारत और पिछड़ावर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये सुंदर हॉस्टल दिखाने के लिये दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। ये दोनों फोटो बिहार की नहीं है। इस लिंक पर आप बीजेपी का ट्वीट देख सकते हैं। स्कूल की इमारत की फोटो शटर स्टॉक से ली गई है। जिसे एक विदेशी फोटोग्राफर कोंस्तातिन ने लिया है। इस लिंक पर क्लिक करके आप देख सकते हैं। देश-विदेश के अनेकों शिक्षण संस्थानों ने इस फोटो का इस्तेमाल किया है।

अति पिछड़ावर्ग के हॉस्टल की जो फोटो लगाई है वो भी बिहार की नहीं बल्कि जस्ट डॉयल से लेकर होटल, रूम और हॉस्टल की सुविधाएं देने वाली अनेकों वेबसाइट पर भरी पड़ी है। नाइज़िरिया की एक शिक्षण संस्थान की वेबसाइट पर आप इसे देख सकते हैं।

विज्ञापन चार

बीजेपी बिहार के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से 5 अक्टूबर को बिहार को खुले में शौचमुक्त होने का विज्ञापन ट्वीट किया। इस लिंक पर आप ट्वीट देख सकते हैं। जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का है। छत्तीसगढ़ में सुंदर शौचालयों की एक प्रतियोगिता की गई थी, उस दौरान का ये फोटो है। इस लिंक पर क्लिक करके आप मूल फोटो देख सकते हैं।

विज्ञापन पांच

बिहार के मुजफ्फरपुर में लीची उत्पादन के प्रचार के लिये एक ट्वीट बीजेपी के आधिकारिक अकाउंट से 17 अक्टूबर को किया गया। इस लिंक पर आप ट्वीट और विज्ञापन देख सकते हैं। लीची के बाग का जो फोटो इस्तेमाल किया गया है वो मुजफ्फरपुर बिहार का नहीं बल्कि केन्या का है। वर्ल्ड फॉरेस्ट्री की वेबसाइट पर ये फोटो 24 अप्रैल 2013 को प्रकाशित हुआ था। इसके फोटोग्राफर प्रताप अंजारवाल्ला हैं। ज्यादा जानकारी के लिये ये लिंक देख सकते हैं।

 

विज्ञापन छह

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंगल पांडे ने बीमा योजनाओं की उपलब्धियां प्रचारित करने के लिये 19 अक्टूबर को एक ट्वीट किया। जिसे इस लिंक पर आप देख सकते हैं। ट्वीट और ग्रैफिक में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है वो बिहार का नहीं बल्कि श्रीलंका का है। ज्यादा जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें। महिला और बच्चों के सशक्तिकरण पर काम करने वाली संस्था वर्ल्ड विज़न ने उन पुरुषों पर एक आर्टिकल लिखा था जो महिलाओं के अधिकारों के लिये काम कर रहे हैं। ये फोटो कोबिनाथ और उसके परिवार का है जो श्रीलंका में रहते हैं।

हमने ऊपर महज़ छह उदाहरण दिये हैं लेकिन बात सिर्फ छह विज्ञापनों तक सीमित नहीं है। बिहार में भाजपा के द्वारा चुनाव प्रचार में फ़र्ज़ी तस्वीरों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इससे पहले भी भाजपा के नेता और मंत्री फ़र्ज़ी तस्वीरों वाले विज्ञापन पोस्ट कर चुके हैं।

सवाल उठता है कि बिहार के ही असली फोटो इस्तेमाल करने में बीजेपी को दिक्कत क्या है? जब बात बिहार के पिछड़ावर्ग के हॉस्टल की है तो फोटो वहीं का क्यों नहीं लगाया जाता? जब बीजेपी ने बिहार में सैकड़ों पुल बनाए हैं तो फोटो विजयवाड़ा का क्यों लगाया जाता है? जब बिहार के स्कूलों का प्रचार कर रहे हैं तो फोटो विदेशी क्यों? क्या बिहार में ऐसा कोई स्कूल नहीं है जिसके फोटो को दिखाकर बीजेपी वोटरों का दिल जीत सके। बिहार में किये गये कार्यों के दावे ठोस हैं तो फोटो फ़र्ज़ी क्यों?

सब जानते हैं कि एक तस्वीर एक हज़ार शब्दों से ज्यादा ताक़तवर होती है। ये वोटरों को गुमराह करने का मामला है। बीजेपी स्पष्ट तौर पर फ़र्ज़ी तस्वीरों के ज़रिये बिहार की जनता  को गुमराह कर रही है। कायदे से तो चुनाव आयोग को इसका नोटिस लेना चाहिये और बीजेपी समेत सभी पार्टियों को आदेश देना चाहिये कि विज्ञापनों में फ़र्ज़ी फोटो का इस्तेमाल बंद करें।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

ये स्टोरी भी ज़रूर पढ़ें :

फेक्ट चेकः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने यूपी का फोटो बिहार का बताकर किया चुनाव प्रचार

फेक्ट चेक: बीजेपी की तरफ़ से प्रचार समस्तीपुर का, फोटो सिंगापुर का

 फेक्ट चेकः क्या सचमुच बिहार पहला राज्य है जो वेटनरी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देता है?

 फेक्ट चेक: बिहार में अपराध में गिरावट और आदर्श कानून व्यवस्था के बारे में बीजेपी के दावे की पड़ताल

Bihar Elections 2020
Bihar Polls
fact check
Fake Advertisement
fake news
BJP
Narendra modi
modi sarkar

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी
    11 Apr 2022
    "18 अक्तूबर, 2014 को मोदी सरकार ने डीज़ल पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर इसका बोझ आम जनता पर डाल दिया। तब से लेकर आज तक सरकारी लूट चालू है। बड़ा सवाल यह है कि क्या तेल की कीमतों में लगातार इजाफा…
  • वर्षा सिंह
    दिल्ली से देहरादून जल्दी पहुंचने के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने साल समेत हज़ारों वृक्षों के काटने का विरोध
    11 Apr 2022
    “इसमें कोई शक नहीं है कि हम मौसम परिवर्तन के दौर से गुज़र रहे हैं। इस दौर की सबसे बड़ी विडंबना बढ़ता हुआ तापमान है। इससे बचने के लिए ये जंगल ही हमारी रक्षा की पहली कतार हैं।.....इनको खोकर हम अपने…
  • भाषा
    जेएनयू छात्र झड़प : एबीवीपी के अज्ञात सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
    11 Apr 2022
    पुलिस ने बताया कि, "शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 509, 506 और 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। तथ्यात्मक या वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने और दोषियों की पहचान करने के लिए आगे…
  • अजय कुमार
    सात बिंदुओं से जानिए ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल’ का क्यों हो रहा है विरोध?
    11 Apr 2022
    द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल: पहचान का रिकॉर्ड बनाने के नाम पर नागरिक अधिकारों को कुचलने वाला प्रावधान
  • ज़ाकिर अली त्यागी
    ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर
    11 Apr 2022
    ग्रामीणों के अनुसार मुस्लिम समुदाय में डर बना हुआ है। पुलिस ने इस मामले में जिस आरोपी को गिरफ़्तार किया है वह 9वीं कक्षा में पढ़ता है जिसकी उम्र 14 वर्ष है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License