NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहारः मांगों की पूर्ति का आश्वासन मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म
प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी, लेकिन सरकार की ओर से इन मांगों को स्वीकार करने का आश्वासन मिलने के बाद आधी रात को हड़ताल समाप्त कर दी गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Dec 2021
Bihar: Junior doctors' strike
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

बिहार के नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के सैकड़ों जूनियर डॉक्टरों ने पांच-सूत्री मांगों के लेकर सोमवार को कार्य का बहिष्कार किया जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इन डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी लेकिन सोमवार रात ग्यारह बजे सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने हड़ताल को समाप्त कर दिया। सरकार ने अगले साल 15 जनवरी तक इनकी मांगों को पूरा करने की बात को स्वीकार कर लिया है। ज्ञात हो कि पहले भी राज्य के जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपनी मांग को लेकर इसी साल अक्टूबर महीने में भी हड़ताल की गई थी और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने हड़ताल समाप्त कर दिया था।

पांच-सूत्री मांगें

इन डॉक्टरों की मांगों में एमबीबीएस इंटर्न के मानदेय में वृद्धि, कोरोना प्रोत्साहन राशि के भुगतान, नीट पीजी काउंसिलिंग कराने में राज्य द्वारा केंद्र सरकार से पहल करना, नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नॉन एकेडमिक जूनिटर रेजिडेंट की बहाली और बॉन्ड में स्टडी लीव के प्रावधान को नियमावली में शामिल करना की सेवा शर्तों में छूट शामिल है।

पीएमसीएच समेत राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के इन जूनिटर डॉक्टरों ने सोमवार को कहा था कि हमने अपनी मांगों को पूर्ति के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), आपातकालीन और सर्जरी में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

कोरोना प्रोत्साहन राशि देने पर सरकार सहमत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से हड़ताल के पहले दिन ही कोरोना प्रोत्साहन राशि भुगतान करने पर सहमति दे दी गई है। सोमवार को इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया। कोरोना काल में काम करनेवाले सभी जूनियर डॉक्टर व एमबीबीएस इंटर्न को एक महीने का मानदेय प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिया जाएगा।

स्टाइपेंड वृद्धि को लेकर केवल आश्वासन

स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग को लेकर पीएमसीएच समेत बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों ने इस वर्ष अक्टूबर महीने में कार्य का बहिष्कार कर स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग की थी। इंटर्न डॉक्टरों का कहना था कि आइजीआइएमएस समेत देश भर के अन्य मेडिकल कॉलेजों के इंटर्न डॉक्टरों को 30-35 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते है जबकि हमलोगों को केवल 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है।

इन डॉक्टरों का कहना था कि सरकार ने पिछले चार वर्षों से स्टाइपेंड की समीक्षा नहीं की। उनका कहना है कि आइजीआइएमएस में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद तत्काल उनके स्टाइपेंड वृद्धि की घोषणा कर दी गई थी। इन डॉक्टरों का कहना था कि वर्ष2013 से इंटर्न डॉक्टरों को केवल 15 हजार रुपये स्टाइपेंड मिल रहा है। कई बार मांग पत्र देने और आंदोलन के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्टाइपेंड वृद्धि को लेकर केवल आश्वासन ही दिया गया।

नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर हड़ताल

ज्ञात हो कि करीब दो सप्ताह पहले नीट-पीजी की काउंसलिंग में देरी को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल किया था। उनका कहना था कि दो महीने पहले रिजल्ट की घोषणा की गई लेकिन काउंसलिंग की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई जिससे डॉक्टरों की काफी कमी हो गई है।

फिर से हड़ताल की चेतावनी

काम पर लौटने के साथ डॉक्टरों ने सरकार से अपील की है कि उनकी शेष मांग जिसमें इंटर्न के स्टाइपेंड की वृद्धि मुख्य रूप से शामिल है उसे 15 जनवरी 2022 तक पूरा किया जाए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में वे फिर से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले डॉक्टरों की भर्ती

पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुंदन कुमार ने मीडिया से कहा कि देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा है। ऐसे में इस स्थिति में देश के सभी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की जरूरत ज्यादा पड़ेगी लेकिन अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है। बीमारी ज्यादा फैलने पर ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे हालात में हमलोग कितना काम कर पाएंगे। इसलिए जूनियर डॉक्टरों को बहाल करने की आवश्यकता है। हमने जनता की भलाई के लिए हड़ताल की है। हालांकि, विभाग से बातचीत के बाद फिलहाल हड़ताल को समाप्त कर दिया गया है।

Bihar
Junior doctors' strike

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License