NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार पहला राज्य जहां देश का पहला महिला कमांडो दस्ता तैयार
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस से चुनी गईं इन 92 महिला सिपाहियों को महाराष्ट्र के मुतखेड स्थित सीआरपीएफ की सेंट्रल ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिलाई गई है। तीन महीने के प्रशिक्षण के दौरान इन्हें हर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Oct 2021
commando

प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद बिहार पुलिस की महिला कमांडो अब अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं। यह पहला ऐसा मौका है जब किसी राज्य पुलिस में ऐसी महिला कमांडो के दस्ते को तैयार किया गया है। इन्हें अर्द्धसैनिक बल की देखरेख में प्रशिक्षित किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बिहार वापस लौटी इन महिला कमांडो को छुट्टी पर भेजा गया था। अब इनकी छुट्टी समाप्त हो गई है। अब जल्द ही इन कमांडो को विशेष तौर पर गठित एजेंसियों में तैनात किया जाएगा जहां चुनिंदा पुलिसवालों को ही मौका दिया जाता है।

ये महिला कमांडो बिहार पुलिस की उन एजेंसियों में अपनी क्षमता दिखाएंगी जहां तैनाती के लिए किसी भी पुलिसवालों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। इन एजेंसियों में स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप (एसएसजी) भी शामिल है। ज्ञात हो कि एसएसजी मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। इसी के चलते यहां तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी और जवान ही तैनात होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एसएसजी के अलावा ये महिला कमांडो की टीम आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष तौर पर गठित एटीएस में भी तैनाती की जाएगी। बिहार पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स अर्थात एसटीएफ का भी ये हिस्सा होंगी।

एसटीएफ और एटीएस में तैनात किए जाने वाले पुलिस अधिकारी और जवानों को पहले इन एजेंसियों द्वारा चुना जाता है फिर उन्हें विशेष प्रशिक्षण से भी गुजरना होता है। इसी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिला कमांडो की इस टीम को बिहार पुलिस कितनी बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है।

एक अधिकारी के मुताबिक महिला कमांडो की टीम को ट्रेनिंग से लौटने के बाद छुट्टी पर भेजा गया था। छुट्टी पुरी करने के बाद ये टीम अपनी यूनिट में लौट आई है। एसएसजी, एसटीएफ और एटीएस द्वारा इनका चयन अपनी यूनिटों में प्रतिनियुक्ति के लिए किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक इसी महीने ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद 92 महिला सिपाही लौटी हैं। लौटने के बाद उन्हें छुट्टी पर भेजा गया था। एसएसजी, एसटीएफ और एटीएस की टीम द्वारा इन महिला कमांडों का चयन अपनी-अपनी यूनिट के लिए किया जाएगा। इसके लिए चयन प्रक्रिया की जाएगी और इसके बाद इन्हें नई भूमिका दी जाएगी।

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस से चुनी गईं इन 92 महिला सिपाहियों को महाराष्ट्र के मुतखेड स्थित सीआरपीएफ की सेंट्रल ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिलाई गई है। तीन महीने के प्रशिक्षण के दौरान इन्हें हर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। इस दौरान इन्हें बड़े से बड़े हमलों को नाकाम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दी गई साथ ही छोट-बड़े अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है।

Women
Bihar
Women in Force
women empowerment

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License