NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
बिहारः गर्मी बढ़ने के साथ गहराने लगा जल संकट, ग्राउंड वाटर लेवल में तेज़ी से गिरावट
राज्य के कई ज़िलों से शिकायत सामने आई है कि ट्यूबवेल का पानी छोड़ने लगा है। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ पानी के स्तर को लेकर समस्या और बढ़ सकती है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Apr 2022
water shortage
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार में गर्मी बढ़ने के साथ ग्राउंड वाटर का स्तर नीचे खिसकने लगा है जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं। राज्य में कई जगहों से पानी के भीषण संकट की खबर आई है। कई जिलों से शिकायत सामने आई है कि ट्यूबवेल का पानी छोड़ने लगा है। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ पानी के स्तर को लेकर समस्या और बढ़ सकती है।

प्रभात खबर के मुताबिक पीएचईडी के कंट्रोल रूम में दरभंगा, गया, जहानाबाद, बक्सर, नालंदा सहित कई जिलों से शिकायत मिली है कि वहां के चापाकल ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। ऐसे में विभाग ने 49 जल शिकायत कोषांग का गठन कराया है, इसमें जल संबंधित शिकायतों को लिया जाएगा और संबंधित अधिकारियों तक शिकायतों को पहुंचाया जायेगा। इसके लिए राज्य मुख्यालय पर जल शिकायत का टॉल फ्री 18001231121 को जारी किया गया है, जो अब रविवार को काम करेगा।

विभाग ने सभी डीएम को दिया निर्देश

रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने सभी डीएम को दिशा-निर्देश दिया है कि गर्मी को देखते हुए जल कोषांग का गठन किया गया है जिसकी निगरानी बहुत जरूरी है। विभाग के सभी अधिकारी अपने नंबर को सार्वजनिक करें ताकि आम लोगों के पास नंबर पहुंच सकें। इसके लिए विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है।

जल स्तर की निगरानी बढ़ाने का दिया गया निर्देश

विभाग ने जिला प्रशासन को बढ़ती गर्मी को देखते हुए जल स्तर की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके लिए जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेने को कहा गया है। ऐसे में आम लोगों को भी पानी की बर्बादी कम करने के लिए गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसकी शुरुआत आज से होगी।

इन जिलों में बढ़ायी गयी निगरानी

राज्य मुख्यालय में पानी के संबंध में शिकायत आने के बाद से पटना पश्चिम, जहानाबाद, गया, रोहतास, अरवल, कैमूर, लखीसराय, सीतामढ़ी, मुंगेर, बेगूसराय, बांका, दरभंगा, औरंगाबाद, जमुई, भोजपुर, बक्सर, सारण, सीवान, गोपालगंज, मधुबनी, सहरसा में निगरानी बढ़ाई गई है। 

पीएचईडी ने की व्यवस्था 

गर्मी के चलते घटते जलस्तर को देखते हुई पीएचईडी ने कई तरह की व्यवस्था की है। जलापूर्ति योजनाओं में मरम्मती के लिए 4095 पंचायतों में टीम तैनात किए गए हैं। पेयजल की समस्या होने पर 484 जल टैंकर और 15 मूवेबल टैंकर से लोगों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। गर्मी में जानवरों को पानी मिले इसके लिए 20 जिलों में 261 कैटल टर्फ़ की व्यवस्था है। जिलों में शिकायत कोषांग काम करने लगा है, जहां से हर दिन जलापूर्ति संबंधित शिकायतों का निबटारा होता है। जल स्तर की निगरानी के लिए अधिकारियों की विशेष निगरानी शुरू की गयी है।

दरभंगा में ग्राउंड वाटर तेजी से नीचे खिसका 

उधर राज्य के दरभंगा जिले की बात करें तो दरभंगा में जहां गर्मी के कहर से लोग परेशान हैं, वहीं जिला में तेजी से ग्राउंड वाटर के स्तर में गिरावट आ रही है। विभाग के पास आठ हजार लीटर वाला 25 मूवेल टैंकर है, लेकिन इनमें से पांच ही नगर निगम को उपलब्ध कराया गया है।

पीएचईडी विभाग के पास इस समस्या से निबटने के लिए उपलब्ध संसाधन जनसंख्या के हिसाब से नाकाफी है।

पीएचइडी की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च तक अधिकतर क्षेत्र में पानी का लेवल 2021 की तुलना में घट गया है। कई ऊपरी सतह वाले क्षेत्र में एक फुट तक पानी का स्तर नीचे चला गया है। दूसरी ओर कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पानी का स्तर 2021 की तुलना में कुछ ही इंच कम हुआ है।

ज्ञात हो कि वर्ष 2021 में इस महीने पानी का स्तर 14 फ़ीट तीन इंच था। वहीं, चालू साल के इस महीने में ही पानी का स्तर 13 फ़ीट दो इंच तक पहुंच गया है, जबकि सामान्यता भू-जल का स्तर 18 फ़ीट पर होना चाहिए।

ग्राउंड वाटर के स्तर में गिरावट की रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पानी की दिक्कत आने से पहले ही तैयारी पूरी कर लें। उन इलाकों की निगरानी बढ़ा दें, जहां पानी का स्तर मार्च में ही गिर गया है। विभाग का मानना है कि अगर इसी तरह गर्मी रही, तो अप्रैल अंत तक जलस्तर में और जगहों पर भी गिरावट आ सकती है। पीएचईडी द्वारा पांच मूवेबल पेयजल टैंकर नगर निगम को उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से संकटग्रस्त इलाकों में जलापूर्ति की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्र के 322 वार्ड में हर घर नल का जल पहुंचाने की जिम्मेवारी पीएचईडी की है। अब तक 318 वार्ड में नल का जल घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, अधिकांश वार्ड में स्थिति खराब है। कहीं पाइप लीकेज है तो कहीं अधूरे काम की वजह से जलापूर्ति समुचित तरीके से नहीं हो पा रही है।

बहरहाल ग्राउंडवाटर के नीचे खिसकने की शिकायत मिलने के बाद पीएचईडी कार्यालय एवं समाहरणालय परिसर स्थित आपदा प्रबंधन कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यहां जलापूर्ति संबंधित शिकायत की जा सकती है और इसका निबटारा किया जा रहा है।

ग्रामीणों को नहीं मिल रहा नल जल योजना का लाभ

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के रोहतासगढ़ तथा पिपरडीह दोनों पंचायत में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। अधिकांश चापाकल खराब हैं तो कुछ का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पानी देना बंद कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत नल जल योजना का लाभ भी रोहतासगढ़ व पिपरडीह पंचायत के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

हालांकि कई गांव में भी नल जल योजना की टंकी बैठाई गई है, लेकिन कुछ गांव में आधा घंटा से अधिक समय तक कभी नहीं चलता है। अधिकांश योजना कागज पर ही चालू है। बाध्य होकर गांव के लोग चुआड़ी व कुआं से किसी तरह प्यास बुझाने के लिए पानी का व्यवस्था करते हैं। पत्थरों के चट्टानों को काट कर पहाड़ी गांवो में बनाया गया कुआं में भी पत्थर से पानी बंद बूँद कर जमा होता है। तब तक लोग अपनी अपनी बारी आने का इंतज़ार करते हैं जिसके कारण कुएँ पर पानी लेने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है। पिपरडीह व रोहतासगढ़ पंचायत में रेहल तथा एक दो गांवों को छोड़ कर हर गांव में पानी का संकट है।

इस क्षेत्र का भूगर्भीय जल स्तर 40 से 50 फुट नीचे चला गया है। हाल के वर्षों में कैमूर पहाड़ी में जंगलों एवं गांवों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है। बदलती जलवायु के चलते वर्षा अनियमित हो गया है जिसका असर भूमिगत जल स्तर पर तेजी से पड़ने लगा है। इस क्षेत्र में शीघ्र जल संरक्षण के उपाय नहीं किए गए तो यह और नीचे चला जाएगा।

ये भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बिहार की धनौती नदी के अस्तित्व पर संकट !

Bihar
Water crisis
ground water depletion
Ground water

Related Stories

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

पानी को तरसता बुंदेलखंडः कपसा गांव में प्यास की गवाही दे रहे ढाई हजार चेहरे, सूख रहे इकलौते कुएं से कैसे बुझेगी प्यास?

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

लोगों को समय से पहले बूढ़ा बना रहा है फ्लोराइड युक्त पानी

बनारस में गंगा के बीचो-बीच अप्रैल में ही दिखने लगा रेत का टीला, सरकार बेख़बर

ग्राउंड रिपोर्ट: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बिहार की धनौती नदी के अस्तित्व पर संकट !

विश्व जल दिवस : ग्राउंड वाटर की अनदेखी करती दुनिया और भारत

यूपी चुनावः सरकार की अनदेखी से राज्य में होता रहा अवैध बालू खनन 

बिहार में ज़हरीली हवा से बढ़ी चिंता, पटना का AQI 366 पहुंचा

बिहारः सेहत के लिए ख़तरनाक 'यूरेनियम' ग्राउंडवाटर में मिला, लोगों की चिंताएं बढ़ी


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License