NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ब्रिटेन : जूलियन असांजे को नहीं मिली जमानत
न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि असांजे के “फरार होने का जोखिम” है और यह यकीन करने की वाजिब वजह हैं कि रिहा करने पर वह अदालत में वापस नहीं आएगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
06 Jan 2021
julian-assange

 अमेरिका प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ कानूनी जंग के दौरान 2019 से ही ब्रिटेन की जेल में बंद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की जमानत याचिका एक ब्रिटिश न्यायाधीश ने बुधवार को खारिज कर दी। हालंकि इससे पहले की सुनवाई में ऐसा लग रहा तह जैसे उनको ज़मानत मिल सकती है। 
आपको बता दें यूनाइटेड किंगडम के एक न्यायाधीश ने  असांजे के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका की अपील को खारिज कर दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका में जेल की बदतर स्थिति के कारण असांजे के आत्महत्या करने के अधिक जोखिम का हवाला देते हुए न्यायाधीश वैनेसा बैरिस्टर ने सोमवार 4 जनवरी को अपने फैसले को सुनाया था । हालंकि इसे चुनौती दी गई है। 

 इसे भी पढ़े :असांजे बरी हुए! यूके की अदालत ने अमेरिका को प्रत्यर्पण से रोका

 डिस्ट्रिक्ट जज वेनेसा बाराएत्सर ने असांजे को जेल में ही रखने का आदेश देते हुए अमेरिकी अधिकारियों की उस अपील को भी विचारार्थ रखा जिसमें असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किये जाने के फैसले पर फिर से विचार का अनुरोध किया गया है।

करीब एक दशक पहले गोपनीय सैन्य दस्तावेजों के विकीलीक्स द्वारा प्रकाशन को लेकर जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिये असांजे को अमेरिका भेजे जाने संबंधी वहां के अधिकारियों की याचिका को न्यायाधीश ने सोमवार को खारिज कर दिया था।

न्यायाधीश ने स्वास्थ्य आधार पर प्रत्यर्पण से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका में जेल की सख्त परिस्थितियों के दौरान 49 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई के अपनी जान लेने की भी आशंका है।

न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि असांजे के “फरार होने का जोखिम” है और यह यकीन करने की वाजिब वजह हैं कि रिहा करने पर वह अदालत में वापस नहीं आएगा।

असांजे पर क्या है आरोप 

असांजे पर इस समय एस्पियोनेज एक्ट के तहत अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्ध अपराधों पर लीक हुए दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अमेरिका में मुकदमा चलाया जा रहा है। वह एस्पियोनेज और साइबर क्राइम सहित संघीय अपराधों के कुल 18 आरोपों का सामना कर रहे है जिसके तहत अधिकतम 175 साल की सजा का प्रावधान है। साल 2020 में एक सुपरसीडिंग इंडिक्टमेंट दायर किया गया था। इस मामले को दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया था। हालांकि, न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के तर्कों से काफी हद तक सहमति व्यक्त की और आत्महत्या के जोखिम के कारण प्रत्यर्पण की इस अपील को खारिज कर दिया। परन्तु आज बुधवार की सुनवाई में ज़मानत देने से भी इंकार कर दिया। 

सोमवार को प्रत्यर्पण रोकते हुए तर्क दिया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बीच जो प्रत्यर्पण संधि उसके तहत यह उस समय प्रत्यर्पण प्रक्रिया को रोकती है जब प्रतिवादी के आत्महत्या सहित शारीरिक नुकसान का खतरा बना रहता है। बैरिस्टर ने असांजे की रक्षा टीम के इस तर्क को स्वीकार किया कि उन्हें "फिजिकल कंटेक्ट से दूर करने और सामाजिक संपर्क को कम करने और बाहरी दुनिया के साथ संपर्क को कम करने के लिए तैयार किए गए गंभीर रूप से प्रतिबंधात्मक हिरासत की शर्तों की कठोर संभावना का सामना करना पड़ा।"

न्यायाधीश ने सोमवार को कहा था कि अमेरिकी जेल में कठोर परिस्थितियों में “असांजे का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा जिससे वह अपने ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के "सिंगल माइंडेड डिटर्मिनेशन" के चलते आत्महत्या कर सकते है। ‘363.आई' ने पाया कि असांजे की मानसिक स्थिति ऐसी है कि उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित करना अत्याचार करने वाला होगा।”

 

Belmarsh Prison
Computer Fraud and Abuse Act
Espionage Act in the US
John Pilger
Julian Assange
Vanessa Baraitser
wikileaks

Related Stories

ब्रिटेन की कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी

ज़ोर पकड़ती  रिहाई की मांग के बीच जूलियन असांज नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

वे उन्हें मार रहे हैं : असांज की 'स्लो डेथ' खसोगी की याद दिलाती है

जूलियन असांज का न्यायिक अपहरण

मानवाधिकार दिवस पर ब्रिटेन के कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी

क्यों जूलियन असांज पर अमानवीय मुक़दमा हम सबके लिए अन्याय है

असांजे मामले के एक प्रमुख गवाह ने झूठ बोलने की बात स्वीकार की

स्टीव बैनन और भ्रष्ट अधिकारियों को आख़िरी समय में ट्रंप ने माफ़ किया

यूके के न्यायाधीश ने असांजे को ज़मानत देने से इनकार किया


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License