NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
CAA-NRC : महिलाओं का चौराहे पर बैठना नहीं, आपकी सोच 'लज्जाजनक' है योगी जी!
योगी आदित्यनाथ के महिलाओं के ख़िलाफ़ दिये गए बयान का जवाब देते हुए नागरिकता क़ानून का विरोध कर रही महिलाओं ने कहा है कि योगी की सोच लज्जाजनक है।
सोनिया यादव
23 Jan 2020
CAA

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही महिलाओं के चौराहे पर बैठने को लज्जाजनक बता रहे हों, लेकिन महिलाओंं का घरों से निकल कर विरोध करना उन तमाम बेड़ियों को तोड़ने जैसा है जो पि़तृसत्ता के बंधन में उन्हें बांधती हैं। उस मनुस्मृति को ठेंगा दिखाने जैसा है जो औरतों को महज़ चार दिवारी और मर्दों के संरक्षण में रहने तक सीमित रखता है।

सीएम योगी ने कानपुर की एक रैली में कहा है, "इतना बड़ा अपराध...पुरूष घर में रज़ाई ओढ़कर सो रहा है और महिलाओं को आगे करके चौराहे पर बैठाया जा रहा है। कितना लज्जाजनक है… कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के लिए। विरोध कर रही महिलाओं को मालूम ही नहीं है कि CAA क्या है? वे लोग धरने पर बैठे हैं। आप जब उनसे पूछेंगे कि आप धरने पर क्यों बैठे हैं तो वो कहेंगे कि घर के मर्द ने कहा है।"

सीएम योगी का ये कथन हक़ीक़त से कोसों दूर नज़र आता है। नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ महिलाओं ने ही देशभर में मोर्चा खोल रखा है। इस विरोध में महिलाओं की भूमिका बताती है कि अब उन्होंने डरना और पीछे रहना बंद कर दिया है। दिल्ली के शाहीन बाग़ से शुरू हुआ महिलाओं का आंदोलन आज देश के हर छोटे-बड़े इलाकों तक पहुंच गया है। कोलकाता के पार्क सर्कस से लेकर उत्तर प्रदेश के घंटाघर तक, बिहार के गया से उत्तराखंड के हल्दवानी तक हर जगह महिलाएं इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं।

19_0.JPG

उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। अलीगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ समेत कई इलाकों में महिलाएं सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की चेतावनी और 1200 प्रदर्शकारियों पर केस दर्ज होने के बावजूद महिलाएं सड़कों पर उतर रही हैं, आज़ादी के नारे लगा रही हैं और सरकार से सवाल पूछ रही हैं।

मीडिया में आई खबर के मुताबिक योगी आदित्यनाथ सरकार ने अलीगढ़ में 60 महिलाओं, प्रयागराज में 300 महिलाओं, इटावा में 200 महिलाओं और 700 पुरुषों पर केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद भी लखनऊ के घंटाघर से लेकर इलाहाबाद के मंसूर अली पार्क में प्रदर्शन जारी है। रायबरेली के टाउनहॉल में भी महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 21 जनवरी को इटावा में हो रहे प्रदर्शन को भले ही पुलिस प्रशासन ने आधी रात को लाठीचार्ज कर जबरन ख़त्म करवा दिया हो लेकिन महिलाओं का संघर्ष अभी भी जारी है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "सीएम भले ही कह रहे हों कि मर्दों ने औरतों को आगे किया है लेकिन वो शायद भूूल रहे हैं कि इस देश में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और सावित्रीबाई फुले जैसी कई महिलाएं थीं जिन्होंने अपने हक के लिए हज़ारों मर्दों का मुकाबला किया। सीएए विभाजनकारी है, संविधान के ख़िलाफ़ है और जो संविधान में आस्था रखता है वो इसका कभी समर्थन नहीं कर सकता। महिलाओं का चौराहे पर बैठना नहीं, आपकी सोच 'लज्जाजनक' है योगी जी।"

1_17.JPG

बिहार में भी इस आंदोलन के विरोध में कई जगह महिलाएं धरना दे रही हैं। पहले गया फिर अररिया और अब मुज़फ़्फ़रनगर की औरतों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बुधवार 22 जनवरी से हज़ारों महिलाएं 'सत्याग्रह' धरने पर बैठी हैं और कानून वापस न लिए जाने तक प्रदर्शन की बात कर रही हैं। ये आंदोलन माड़ीपुर चौक, शहीद खुदीराम बोस स्मारक और चंदवारा में जारी है।

इस संबंध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना हैं, "हमने अपने आंदोलन की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ की है। हमारे पास संविधान की प्रस्तावना है और हम संविधान बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ रहे हैं। सरकार धर्म के आधार पर लोगों को बांटना चाहती है और हम बराबरी और धर्मनिरपेक्षता की याद दिलाना चाहते हैं।"

उधर उत्तराखंड के हल्द्वानी की महिलाओं ने भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। 22 जनवरी बुधवार से यहां सैकड़ों महिलाएं ताज चौराहे पर धरने पर बैठी हैं। हाथों में सीएए और एनआरसी के विरोध की तख्तियां लहरा रहीं हैं, नारे लगा रही हैं। यहां कुछ राजनीतिक दलों से जुड़ी महिलाओं ने भी धरना स्थल पर आकर प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया।

13_1.JPG

प्रदर्शन में शामिल उर्मिला नेगी ने न्यूज़क्लिक को बताया, "बनभूलपुरा से हमारा संघर्ष शुरू हुआ था। इसके बाद हम ताज चौराहे पर धरने पर बैठ गए। हमारी मांग है कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले। हम इसे काला क़ानून मानते हैं, ये संविधान के ख़िलाफ़ है, देश की धर्मनिरपेक्षता पर हमला है। साथ ही पड़ोसी देशों के साथ नाइंसाफ़ी भी है।"

ग़ौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश भर में जारी तमाम विरोध प्रदर्शनों के बीच भले ही नागरिकता संशोधन कानून 10 जनवरी से लागू कर दिया हो, लेकिन इसे लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा नहीं है। दिन-प्रतिदिन प्रदर्शनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। छात्रों से लेकर नागरिक समाज के लोग और बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चे तक इस आंदोलन में शिरकत कर रहे हैं तो वहीं इसकी खास बात ये है कि इसका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। दिल्ली के शाहीन बाग़ के धरने को हटाने और बचाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अब ये धरना रहे न रहे, इसने अपना काम कर दिया। शाहीन बाग़ की बदौलत देश में कई जगह शाहीन बाग़ जैसे मोर्चे खुल गए हैं।

CAA
NRC
Protest against CAA
Protest against NRC
NPR
Women Leadership
Women protest
Yogi Adityanath
yogi sarkar
BJP
modi sarkar
Amit Shah
Citizenship Amendment Act

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License