NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
CAA/NRC विरोध: 50 से अधिक युवा और छात्र संगठन आये साथ
‘‘जब हमने नेशनल यंग इंडिया कोर्डिनेशन एंड कम्पैन शुरू करने के लिए प्रेस रिलीज तैयार की तब हमारे पास 50 से अधिक संगठन थे। अब उनकी संख्या 70 है।हमारा उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों/संगठनों/यूनियनों के बीच तालमेल कायम करना तथा उनके दायरे एवं प्रभाव को बढ़ाना है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Dec 2019
CAA protest

दिल्ली:  विवादास्पद नागरिकता कानून, प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अद्यतन करने के खिलाफ आंदोलन तेज करने के लिए 70 से ज्यादा छात्र एवं युवा संगठनों ने मंगलवार को हाथ मिलाया।

नये साल के दिन ‘नेशनल यंग इंडिया कोर्डिनेशन एंड कम्पैन’ के सदस्य और इस आंदोलन के समर्थक संविधान बचाने का संकल्प लेंगे। उन्होंने ‘नये साल का संकल्प-संविधान बचाओ’ नारा भी तैयार किया है।

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में 71वें गणतंत्र दिवस से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस लेने की मांग की।

यंग इंडिया नेशनल कोर्डिनेशन कमिटी (वाईआईएनसीसी) के सदस्य एन साई बालाजी ने कहा, ‘‘ जब हमने नेशनल यंग इंडिया कोर्डिनेशन एंड कम्पैन शुरू करने के लिए प्रेस रिलीज तैयार की तब हमारे पास 50 से अधिक संगठन थे। अब उनकी संख्या 70 है। संख्या में इजाफा जारी है।’’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों/संगठनों/यूनियनों के बीच तालमेल कायम करना तथा उनके दायरे एवं प्रभाव को बढ़ाना है।’’

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए डिब्रूगढ़ यूनवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के सचिव राहुल छेत्री  ने कहा कि पूरा असम नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ सड़कों पर है। हालांकि, प्रशासन, प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के बजाय, लाठीचार्ज कर रहा है और आग लगा रहा है। उन्होंने कहा, "अब तक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में कम से कम 6 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है? छात्र नेताओं को आधी रात को उठाया जाता है और जेलों में बंद किया जाता है। इसी तरह, हम नरसंहार का पूरा मीडिया ब्लैकआउट देख रहे हैं। हम ऐसा महसूस कर रहे हैं जैसे हम मध्ययुगीन काल में वापस आ रहे हैं। " 

अरुणाचल प्रदेश में राजीव गांधी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य छात्र हेंगाम रेबा ने कहा कि असम के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। असम समझौते के अनुसार, हमें बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को रोकने के लिए NRC का वादा किया गया था। हमने स्वीकार किया कि पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचारियों से अपनी जान बचाने के लिए कई लोग पूर्वोत्तर में आए। इस प्रकार, हमने स्वीकार किया कि 25 मार्च 1971 की कट-ऑफ तारीख है। लेकिन हमने जो देखा वह पूर्ण विपरीत था।"

इस अधिनियम को उत्तर भारत के दलित और आदिवासी संगठनों से भी तीखी आलोचना की हैं। भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन के आयुष राज सिंह ने कहा कि इस अधिनियम को केवल "हिंदू वर्से मुस्लिम" कहा जाना पूरी तरह से गलत होगा। उन्होंने कहा, "बहुसंख्यक दलित निरक्षर हैं और उनके पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। उनका क्या होगा? प्रधानमंत्री एक बयान दे रहे हैं और दूसरे तरफ गृह मंत्रीकुछ और ही कह रहे हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि यह अधिनियम निरस्त नहीं किया गया,तो भारत बंद किया जायेगा। " 

गोंडवाना छात्र संघ के प्रकाश सिंह कुलस्ते ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच फैले आदिवासी बेल्ट गोंडवाना के निवासी अधिनियम के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा, "हम भी अनुसूची 5 और अनुसूची 6 क्षेत्रों में रहते हैं। अधिकांश जनजातियां अनादिकाल से यहां रही हैं। यह सरकार उनसे नागरिकता के दस्तावेज तैयार करने के लिए कह रही है। यह बहुत ही अजीब है।" अनुसूची 6 क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहां एक सामान्य नागरिक प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं जा सकता। जमीन खरीदने और अन्य मामलों में भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। 

जो संगठन इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं उनमें एफटीआईआई छात्र संघ, पुणे, भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चो, राजस्थान, अशोका यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स गवर्नमेंट, दिल्ली, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ओर्गनाइजेशन, पंजाब, भीम आर्मी, ऑल आदिवासी असम स्टूडेंट्स यूनियन, और आईआईटी गांधीनगर शामिल हैं।

छात्र संगठन आइसा की सदस्य कंवलप्रीत कौर ने कहा कि जबतक केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी वापस नहीं लेती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Protest against CAA
CAA/NRC Protests
student movement
National Young India Coordination and Companion
Dalit organisations
All Assam Students Union

Related Stories

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन

नताशा और महावीर नरवाल: इंसाफ़ एक दूर की कौड़ी

किसान आंदोलन और महापंचायत: महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक नए युग का आगाज़

दिल्ली दंगा: पुलिस पर कोर्ट के आदेश के बाद भी आरोपपत्र पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप

आंदोलनकारियों की ज़मानत रद्द कराने के लिए यूपी सरकार अदालत गई

शाहीन बाग़ : एक बेमिसाल आंदोलन को रुसवा करने की कोशिश

सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ बहुजन-वंचित संगठनों का 'दिल्ली चलो' आंदोलन

मी लॉर्ड!, सवाल शाहीन बाग़ के रास्ते का नहीं, देश के रास्ते का है कि देश किस तरफ़ जाएगा?

शाहीन बाग़ आंदोलन : क्या वार्ताकार खत्म कर पाएंगें गतिरोध?

महाराष्ट्र के गांव ने सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License