NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
समाज
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
मथुरा में डेंगू से मरती जनता, और बांसुरी बजाते योगी!
मथुरा के हर गांव की हालत ऐसी है कि प्रत्येक गांव में डेंगू के मरीज निकल आएंगे, मथुरा के फरह ब्लॉक में स्थित कोह गांव में अभी तक 11 लोगों ने डेंगू और वायरल फीवर से अपनी जान गंवा दी। इसी तरह गोवर्धन ब्लॉक के गांव जचौंदा में 3 लोगों ने डेंगू के चलते दम तोड़ दिया।
श्याम मीरा सिंह
04 Sep 2021
CM YOGI

कुछ कहावतें अपने भाव और अर्थ के चलते दुनियाभर में मशहूर हो जाती हैं, अंग्रेजी में ऐसी ही एक कहावत है जिसका दुनिया की हर भाषा में इस्तेमाल हुआ, ''When Rome was burning, Nero was playing flute''. इसी को हिंदी में कहा गया "जब रोम जल रहा था, तो नीरो सुख और चैन की बाँसुरी बजा रहा था।" हालांकि ऐतिहासिक विमर्श बताते हैं कि नीरो के वक्त में बांसुरी थी ही नहीं, बांसुरी का आविष्कार सातवीं शताब्दी में जाकर हुआ था, नीरो एक दूसरा वाद्य यंत्र ज़रूर यूज करता था, लेकिन यह बहस अलग। इस कहावत के भाव को समझें तो ये कहावत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एकदम फिट बैठती है। नीरो की असंवेदनशीलता और भाजपा के मुख्यमंत्री की असंवेदनशीलता को अगर एक पैमाने पर रखकर मापें तो कम नहीं निकलेगी।

बीते दिनों देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई, हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन कृष्ण का जन्म हुआ। इस दिन पूरे देश में कृष्ण के बाल अवतार की पूजा की गई, दूध-दही-शहद से स्नान कराया गया, लेकिन जिस धरती पर कृष्ण ने जन्म लिया, उसी मथुरा में इलाज के अभाव में दर्जनों बच्चे दम तोड़ रहे हैं, अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, डॉक्टर नहीं हैं, दवाइयां नहीं हैं, लेकिन सरकार है कि भव्य कृष्ण जन्माष्टमी मनाकर जनता को बहलाने में लगी हुई है।

CM YOGI IN MATHURA
मथुरा पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

मथुरा के हर गांव की हालत ऐसी है कि प्रत्येक गांव में डेंगू के मरीज निकल आएंगे, मथुरा के फरह ब्लॉक में स्थित कोह नामक गांव में अभी तक 11 लोगों ने डेंगू और वायरल फीवर से अपनी जान गंवा दी है, इसी तरह गोवर्धन ब्लॉक के जचौंदा गांव में तीन लोगों ने डेंगू के चलते दम तोड़ दी, उनमें एक डेढ़ साल का मासूम तो ऐसा था जो अपनी ननिहाल (ग्राम जचौंदा) आया था लेकिन वहीं बुखार का शिकार हो गया और मौत हो गई।

दूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मथुरा आते हैं, सड़कें सजाई जाती हैं, चौराहों पर चाइनीज झालरें लगाई जाती हैं, मंदिरों को सजाया जाता है। ऐसे लगता है जैसे इस जिले में रोम उतर आया है।

मुख्यमंत्री के भव्य स्वागत का इंतजाम किया गया। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री योगी मथुरा में चल रही महामारी पर एक शब्द नहीं बोले। वे बोले तो कृष्ण जन्माष्टमी पर भी अपनी सांप्रदायिक राजनीति करने से नहीं चूके, कृष्ण जन्म पर भी उन्होंने जनता को हिन्दू-मुसलमान में बांटने की राजनीति की। उन्होंने कहा ''आज होड़ लगी है, पहले आपके त्योहारों में कोई मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक नहीं आता था, भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों को छोड़ दें तो शेष दलों के लोग दूर भागते थे, इकतरफा चलता था, हिन्दू त्योहारों में कोई नहीं आता था, कोई सहभागी नहीं बनता था, अलग से बंदिशें लगती थीं, लाइट नहीं रहती थी, बिजली नहीं रहती थी, साफ-सफाई नहीं रहती थी, सुरक्षा का प्रबंध नहीं होता था, अब ऐसी कोई बंदिश नहीं है''।


प्रदेश के मुखिया अपने चिर-परिचित अंदाज में जनता के बीच धर्म के नाम पर राजनीति करते रहे और भोली-भाली जनता पीछे से 'वंशी वारे (वाले) की जय"' के नारे लगाती रही। लेकिन कृष्ण जन्म मनाने वाले मुख्यमंत्री ने इस बात का एक बार भी जवाब नहीं दिया कि मथुरा में दर्जनों बच्चे अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं उसके लिए उनकी भाजपा सरकार ने क्या किया। सवाल ये नहीं  है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर कौन आया, सवाल ये है कि मथुरा में अस्पताल किसने बनवाया, किसने दवाओं का इंतजाम किया, किसने डॉक्टरों की तैनाती की, किसने एंबुलेंस दिलवाईं। मंदिर में घंटा बजाने से गरीब जनता का इलाज नहीं होता, सड़कों पर झालर लगा देने से बच्चों की जान नहीं बचती।

राज्य के मुख्यमंत्री का काम गरीब जनता को मुफ्त इलाज देना है, शिक्षा देना है, रोजगार देना है, मठों वाला काम करने के लिए लाखों साधु और हजारों आश्रम हैं, मथुरा में ही इतने मंदिर और साधु हैं कि पूरी दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यहां सरकारी अस्पताल केवल दो हैं, जिनमें से एक भी अस्पताल में एक ईंट योगी शासन में नहीं लगाई। इनमें से एक यानी वृन्दावन स्थित सौ सैयां (सौ बिस्तरों वाला) अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बनवाया था, दूसरा मथुरा शहर में स्थित जिला अस्पताल है। इनमें कोई योगदान योगी सरकार का नहीं है, सिवाय सड़कों के नाम बदलने के।

ग्राम जचौंदा के विजय राघव ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में बताया ''15 अगस्त से ही गांव में वायरल बुखार को लेकर हल्ला होने लगा था, 25 तारीख को जाकर प्रशासन की नींद टूटी। 25 अगस्त को कुछ डॉक्टर आए, लेकिन मात्र 12 लोगों की सैंपलिंग ली, उसमें से ही 8 लोग डेंगू संक्रमित निकल आए, इतने अधिक मरीज होने के बावजूद अगले दिन कोई सैंपलिंग नहीं की गई, जब चारों ओर अख़बारों में हमारे गांव के बारे में हल्ला मचने लग गया, तब जाकर 28 अगस्त को डीएम गांव आए, उस समय 18 लोगों की सैंपलिंग की गई, उसमें से आधे यानी 9 लोग डेंगू पॉजिटिव निकल आए। अभी तक गांव में तीन लोगों की डेंगू से मौत हो गई है। डेंगू के छह-सात मरीज हर रोज निकल रहे हैं, अभी तक तकरीबन 300 से अधिक लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं, जबकि गाँव की कुल जनसँख्या मात्र 18 सौ है, 28 तारीख को कुछ सैंपल लिए हैं और अभी तक रिपोर्ट नहीं आई (4 सितंबर तक), जबकि डेंगू की रिपोर्ट एक घंटे के भीतर आ सकती है।''

DM MATHURA
गांव जचौंदा में पहुंचे मथुरा जिलाधिकारी 

कोह गांव के पास रहने वाले सतेंद्र चौहान जो भाभा एटॉमिक रिसर्च में रिसर्च स्कॉलर भी हैं, फिलहाल कृष्ण जन्माष्टमी पर गांव गए हुए हैं, उन्होंने न्यूजक्लिक को बताया ''अभी भी गांव के करीब सौ लोग अस्पतालों में हैं, गांव में अस्थायी अस्पताल बनाने की बात कही गई थी, कुछ चारपाई बिछा दी गई हैं, उन्हीं को अस्पताल का नाम दे दिया गया, कोई डॉक्टर वहां नहीं है, सिर्फ स्टाफ के दो लोग रहते हैं, जो दवाई देते रहते हैं। सब लोग किसान हैं, कुछ को मलेरिया है, कुछ को वायरल है, अस्पतालों में दो-दो लाख रुपये देकर आ रहे हैं, कर्ज ले रहे हैं, खेत और जेवरात गिरवी रख रहे हैं, गरीब आदमी जैसे-तैसे इलाज करवा रहा है।''

MATHURA KOH VILLAGE
कोह गांव में बनाया गया अस्थायी अस्पताल 

डेंगू और वायरल फीवर से केवल मथुरा में ही निर्दोष जनता की जानें नहीं जा रही हैं, न्यूज़क्लिक पर ही फिरोजाबाद और बनारस में डेंगू के कहर को लेकर रिपोर्ट हुईं हैं।

इसे पढ़ें: यूपी: बुखार से लगातार जाती बच्चों की जान, पश्चिम में डेंगू-मलेरिया तो पूर्वांचल में इंसेफ़ेलाइटिस का क़हर!

इसे भी पढ़ें: डेंगू की चपेट में बनारस, इलाज के लिए नहीं मिल रहे बिस्तर

ये कोरोना का पीक नहीं है, बावजूद इसके गरीब जनता को बुखार जैसी सामान्य बीमारियों का भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। लेकिन प्रदेश की सरकार और उसके मुखिया का पूरा फोकस मंदिरों, सरोवरों, आरतियों और घंटारियों में लगा हुआ है। अयोध्या जाते हैं तो भव्य दीपोत्सव करवा देते हैं, मथुरा आते हैं तो आरती कर आते हैं, फिर पूछते हैं।। आज होड़ लगी है, पहले आपके त्योहारों में कोई मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक नहीं आता था।''

mathura
YOGI IN MATHURA
yogi sarkar
Yogi Adityanath
dengue
Dengue Vaccine
Mystery fever

Related Stories

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!

यूपी की सियासत: मतदान से ठीक पहले पोस्टरों से गायब हुए योगी!, अकेले मुस्कुरा रहे हैं मोदी!!

कार्टून क्लिक: आधे रास्ते में ही हांफ गए “हिंदू-मुस्लिम के चैंपियन”

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

सरकारी विज्ञापनों की बाढ़ में बहाए जा रहे बेहिसाब पैसों की लोकतांत्रिक लिहाज़ से जांच-पड़ताल

'स्वच्छ भारत' के ढोल के बीच मलेरिया से मरता भारत

उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक महिलाओं की जिंदगी पर सबसे ज्यादा असर डालेगा!

नज़रिया: उत्तर प्रदेश आज निरंकुशता और अराजकता का सर्वनाम, 2022 में योगीराज की विदाई तय!

क्या जातीय उन्मूलन वाली रणनीति सांप्रदायिकता का मुक़ाबला करने में सहायक साबित हो सकती है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License