NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी
सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि संसद के 29 नवंबर को शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा एवं राज्यसभा में इन कानूनों को निरस्त करने संबंधी प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
24 Nov 2021
kisan modi
image courtesy : patrika

नयी दिल्ली:आज 24 नवंबर2021 को  केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मोदी सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन किसान-विरोधी कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने और अधिनियमित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई। जबकि 19 नवंबर को श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कानूनों को निरस्त करने के सरकार के निर्णय की घोषणा की गई थी, आज कैबिनेट द्वारा विधेयक को हरी झंडी देने की औपचारिक प्रक्रिया को अपनाया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी।

 मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी।

सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि संसद के 29 नवंबर को शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा एवं राज्यसभा में इन कानूनों को निरस्त करने संबंधी प्रक्रिया पूरी की जायेगी।   

एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, ‘‘ संसद में भी इस कार्य (तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने) को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा। ’’

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है, उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे।

  किसान संयुक्त मोर्चा ने यहाँ सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया वही उन्होंने अपने बयान में कहा कि " यह भी नोट किया जाता है कि शीतकालीन सत्र में विधायी कार्य के लिए सूचीबद्ध 26 विधेयकों से संबंधित संसद के बुलेटिन में विद्युत संशोधन विधेयक 2021 भी शामिल है। इसमें भारतीय समुद्री मात्स्यिकी विधेयक 2021 भी शामिल है - भारत की किसानों के लिए राष्ट्रीय नीति 2007 के अनुसार मछुआरे भी किसान हैं। इस विधेयक के बारे में मछुआरा संघ अपनी आशंकाओं और चिंताओं को व्यक्त करते रहे हैं और संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में इस मुद्दे को उजागर किया है (दिनांक 28 जुलाई 2021)। एसकेएम ने पहले भारत के प्रधानमंत्री को सरकार द्वारा लंबित मांगों को पूरा किए जाने तक आंदोलन जारी रखने के अपने इरादे के बारे में जानकारी दे दी है ।"

गौरतलब है कि इन तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर लगभग 40 किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी। इसी पृष्ठभूमि में कुछ ही दिन बाद मंत्रिमंडल ने कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक, 2021 को मंजूरी दी है।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है।

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी।    

इनके विरोध में करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना है। सरकार ने जहां इन कानूनों को किसानों की आय बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया था वहीं किसानों ने कहा कि ये कानून उन्हें कॉरपोरेट घरानों के आश्रित कर देंगे।    

प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की थी कि वे अपने-अपने घर लौटें, अपने खेत और अपने परिवार के बीच लौटें।  

इस बीच, किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत सरकार के समक्ष रखी गई अपनी छह मांगें दोहराते हुए सोमवार को कहा था कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह आंदोलन जारी रखेगा   

एसकेएम ने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर उसका आंदोलन तब तक समाप्त नहीं किया जाएगा, जब तक तीनों संबंधित कृषि कानूनों को संसद में औपचारिक तौर पर निरस्त नहीं कर दिया जाता। उनकी मांगों में लखीमपुर खीरी घटना से जुड़े केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को गिरफ्तार एवं बर्खास्त करने की मांग तथा किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने तथा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिये स्मारक बनाना शामिल है।   

इसमें 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021' में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने की भी मांग भी शामिल है।

Repeal Farm Laws
farmers protest
Protest Against Farm Laws
SKM
modi sarkar

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License