खारकीव में मौजूद छात्रों से कहा गया है कि वे शाम छह बजे से पहले निकल जाएं। 15 किमी दूर एक स्थान पर पहुंच जाएं।
भारत ने अपने छात्रों से कहा है कि वे रोमानिया-हंगरी जैसे देशों की सीमा पर आ जाएं। खारकीव में मौजूद छात्रों से कहा गया है कि वे शाम छह बजे से पहले निकल जाएं और 15 किमी दूर एक स्थान पर पहुंच जाएं। अब जरा सोचकर देखिए कि यह कैसी एडवाइजरी है? एक ऐसे देश में जहां 24 घंटे गोलाबारी हो रही है, वहां सरकार का कहना है कि छात्र अपने आप यूक्रेन से बाहर निकलकर दूसरे देश में पहुंच जाए। हो सकता है कि यूक्रेन के खारकीव से जहां पर छात्रों को आने के लिए कहा गया है उसकी दूरी कम हो, लेकिन यूक्रेन में केवल खारकिव ही तो नहीं है। यूक्रेन का पूरा इलाका है। वहां से छात्र अकेले बिना किसी सुरक्षा के कैसे वहां तक पहुंच पाएंगे जहां पर सरकार ने उन्हें जाने के लिए कहा है। क्या ऐसी दशा में छात्रों के हताहत होने की संभावना बढ़ नहीं जाती है? आधिकारिक सूत्रों की मानें तो भारत ने अपने छात्रों से कहा कि वे रोमानिया-हंगरी जैसे देशों की सीमा पर आने के लिए कहा है।