NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: वोट की चिंता ख़त्म होते ही बढ़ सकती है आपकी चिंता!
हर जानकार यही कह रहा है कि चुनाव ख़त्म होगा तो वोट की चिंता ख़त्म होगी। वोट की चिंता ख़त्म होगी तो कीमतें अपने आप बढ़ जाएंगी। आम आदमी पर महंगाई कहर बनकर टूटने लगेगी। देखते जाइए आगे-आगे होता है क्या।
आज का कार्टून
05 Mar 2022
cartoon

रूस दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा तेल निर्यातक और तीसरा तेल उत्पादक देश है। रूस से हर रोज तकरीबन 50 लाख बैरल तेल का निर्यात होता है। इसमें से 48% खरीद यूरोप की होती है। तो तकरीबन 42% खरीद एशिया की होती है। रूस और यूक्रेन की जंग की वजह से कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है। यह पिछले सात सालों में सबसे अधिक कीमत है। ओपेक के देशों ने पहले ही समझौता किया है कि वह अधिक कच्चे तेल का उत्पादन नहीं करेंगे। मतलब कीमतें और अधिक बढ़ने वाली हैं। भारत जैसा देश अपनी जरूरतों का तकरीबन 80% कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करता है। जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी तो पेट्रोल डीजल रसोई गैस बिजली उर्वरक सब महंगा होगा। जब एनर्जी सेक्टर महंगा होगा तो जीवन जीने की लागत महंगी होगी। अब आप पूछेंगे कि कच्चे माल की कीमत तो बढ़ गई है लेकिन कीमतों में इजाफा क्यों नहीं हो रहा है? तो इसका जवाब यह है कि सात मार्च को पांच राज्यों का चुनाव ख़तम होने दीजिए। चुनाव ख़तम होगा तो वोट की चिंता ख़तम होगी। वोट की चिंता ख़तम होगी तो कीमतें अपने आप बढ़ जाएंगी। आम आदमी पर महंगाई कहर बनकर टूटने लगेंगी।

शायद आपको खबर नहीं है कि रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के सबसे बड़े उत्पादक हैं। कोरोना और युद्ध के चलते इनकी कीमत भी तेजी से बढ़ रही है। जिसका असर दुनिया भर के बाजारों पर देखा जा रहा है।

15 दिन पहले रिफाइंड जहां 140 रुपए लीटर था तो अब बढ़कर 165 रुपए लीटर हो गया है। सूरजमुखी तेल पहले 140 रुपए था, जो अब 170 रुपए हो गया है। वहीं देसी घी की कीमत पहले 360 रुपए लीटर थी, जो अब 420 रुपए और वनस्पति तेलों के दामों में भी 20 रुपए का इजाफा हुआ है। 
 

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
ukraine
Assembly elections
Inflation
Modi government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर, युद्ध और दांवः Ukraine पर हमला और UP का आवारा पशु से गरमाया चुनाव
    24 Feb 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने Ukraine पर Russia द्वारा हमले से अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की हार पर चर्चा की। साथ ही, Uttar Pradesh चुनावों में आवारा पशु, नौकरी के सवालों पर केंद्रित होती…
  • UP Elections
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी चुनाव 2022 : आवारा पशु हैं एक बड़ा मुद्दा
    24 Feb 2022
    न्यूज़क्लिक के इस ख़ास इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ संदीप पांडे से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। डॉ पांडेय ने…
  • russia ukrain
    अजय कुमार
    अमेरिकी लालच से पैदा हुआ रूस और यूक्रेन का तनाव, दुनिया पर क्या असर डाल सकता है?
    24 Feb 2022
    अमेरिका के लालच से पैदा हुआ रूस और यूक्रेन का तनाव अगर बहुत लंबे समय तक चलता रहा तो दुनिया के बहुत से मुल्कों में आम लोगों के जीवन जीने की लागत बहुत महँगी हो जाएगी।
  • Tribal Migrant Workers
    काशिफ काकवी
    मध्य प्रदेश के जनजातीय प्रवासी मज़दूरों के शोषण और यौन उत्पीड़न की कहानी
    24 Feb 2022
    गन्ना काटने वाले 300 मज़दूरों को महाराष्ट्र और कर्नाटक की मिलों से रिहा करवाया गया। इनमें से कई महिलाओं का यौन शोषण किया गया था।
  • covid
    संदीपन तालुकदार
    जानिए ओमिक्रॉन BA.2 सब-वैरिएंट के बारे में
    24 Feb 2022
    IISER, पुणे के प्रख्यात प्रतिरक्षाविज्ञानी सत्यजित रथ से बातचीत में उन्होंने ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.2 के ख़तरों पर प्रकाश डाला है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License