लेखी जी, अब आप इन महिला किसानों को क्या नाम देंगी?, जी हां, आज संसद से कुछ ही दूर जंतर-मंतर पर महिला किसान संसद लगी है और महिलाएं अपनी मांगों को पूरे जोर-शोर से उठा रही हैं। यह सही समय है कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से पूछा जाए कि अब इन महिला किसानों को वो कौन सा नाम देंगी।
राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की ऐतिहासिक मोर्चेबंदी के 8 महीने पूरे होने पर आज दिल्ली के भीतर जंतर-मंतर पर किसान-संसद की कमान महिला किसानों के हाथ में है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का कहना है, “महिला किसान संसद भारतीय कृषि में महिलाओं की भूमिका को प्रतिबिंबित करेगा और साथ ही उनकी इस आंदोलन में अहम भूमिका को भी रेखांकित करेगा।’’
यह सही समय है कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से पूछा जाए कि अब इन महिला किसानों को वो कौन सा नाम देंगी।
आपको मालूम ही है कि अभी लेखी जी, पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि वे किसान नहीं मवाली हैं। हालांकि बाद में मामले की तूल पकड़ने पर उन्होंने कुछ इस तरह खेद जताया था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
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