जिस समय में कोरोना से लड़ने की रणनीति बनानी और क्रियान्वित करनी थी, मध्यप्रदेश के विधायक छुपते-छुपाते घूम रहे थे। घुमाए जा रहे थे। अब शिवराज को चौथी बार गद्दी मिली है और सामने है चुनौती का पहाड़।
मध्यप्रदेश में फिर राज बदल गया है। कमलनाथ की जगह फिर ‘कमल’राज और शिवराज आ गए हैं। लेकिन जिस समय में ये सब फेरबदल हुआ है वो बेहद नाज़ुक है। जिस समय में कोरोना से लड़ने की रणनीति बनानी और क्रियान्वित करनी थी, मध्यप्रदेश के विधायक छुपते-छुपाते घूम रहे थे। घुमाए जा रहे थे। अब शिवराज को चौथी बार गद्दी मिली है और सामने है चुनौती का पहाड़। जी हां, कोरोना आज बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। देखना है कि अब वे इससे कैसे पार पाते हैं। और कैसे जल्द से जल्द प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाते हैं।