मोदी जी की 'मन की बात' जारी है लेकिन खेत-खलियान-किसान की बात नहीं हो पा रही है। अपनी बात सुनाने के लिए देशभर के किसान सात महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं, लेकिन उसे अनसुना कर एक तरफ़ा संवाद जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 'मन की बात' किए जा रहे हैं, लेकिन उनके मन से किसान लगातार ग़ायब हैं। रेडियो पर जारी होने वाले इस मासिक कार्यक्रम की रविवार, 27 जून को 78वीं कड़ी थी, लेकिन इसमें भी किसानों की तीन कृषि कानून वापस लेने और एमएसपी का कानून लागू करने की मांगों पर कोई बात, कोई आश्वासन नहीं था। जबकि किसानों ने एक दिन पहले शनिवार, 26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर अपने धरने के सात माह पूरे होने पर देशव्यापी प्रदर्शन किया था। लेकिन प्रधानमंत्री इस सबसे बेख़बर लगे। इस प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के गाज़ीपुर बार्डर पर एक किसान ने एक पत्रकार के सवाल में दुख और गुस्से के साथ कहा कि मोदी ने हमारा नाश कर दिया है। लेकिन हम भी नहीं लौटेंगे।