कोरोना संकट के दौर में भी देश से लेकर दुनिया तक में राजनीति ज़ोरों पर है। और सबको कोरोना के आगे अपनी नाकामी छुपाने के लिए एक दुश्मन की तलाश है। शायद यही वजह है कि अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ती दिख रही है।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। इसी साल जनवरी में अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हवाई हमला किया था। इस हमले में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के मुखिया जनरल कासिम सुलेमानी समेत कई लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद ईरान ने अमेरिका से सुलेमानी की मौत का बदला लेते हुए इराक स्थित दो अमेरिकी बेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागीं। ईरानी मीडिया ने दावा किया था कि इस हमले में दर्जनों अमेरिकी सैनिक मारे गए, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका खंडन किया था। इस घटना के करीब तीन महीने बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ती दिख रही है। एक खुफिया जानकारी मिलने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर ईरान को चेतावनी देते हुए लिखा, 'जानकारी और विश्वास के आधार पर, ईरान या उसके समर्थक इराक में अमेरिकी सैनिकों और / या संपत्ति पर हमले की योजना बना रहे हैं. अगर ऐसा होता है, तो ईरान को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।'