प्रवासी मज़दूर अपने गांव-घर जाने को परेशान हैं, पैदल चल रहे हैं, मर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकारों को फिक्र नहीं, राजनीति से फुर्सत नहीं। और इसमें सबसे आगे हैं हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी। जी हां, उत्तर प्रदेश की सीमा पर मज़दूरों को ले जाने के लिए बसे खड़ी हैं, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने की मंज़ूरी नहीं मिल रही।
प्रवासी मज़दूर अपने गांव-घर जाने को परेशान हैं, पैदल चल रहे हैं, मर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकारों को फिक्र नहीं, राजनीति से फुर्सत नहीं। और इसमें सबसे आगे हैं हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी। जी हां, उत्तर प्रदेश की सीमा पर मज़दूरों को ले जाने के लिए बसे खड़ी हैं, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने की मंज़ूरी नहीं मिल रही। क्योंकि उन्हें कांग्रेस ने उपलब्ध कराया है। आज सवाल ये नहीं कि ये बसें किस दल या नेता की तरफ़ से उपलब्ध कराई जा रही हैं, बड़ी बात ये है कि जब सरकारों ने मज़दूरों को उनके हाल पर बे-बस छोड़ दिया, तब कोई तो आगे आया। अब अगर कांग्रेस मज़दूरों के लिए बस उपलब्ध करा रही है, तो किसी को क्या परेशानी हो सकती है। लेकिन यही तो राजनीति है। अब बीजेपी और योगी जी कैसे कांग्रेस को नंबर बनाने दें, इसलिए वे चाहते हैं कि किसी तरह कांग्रेस को मात दी जाए, कोई न कोई नुक्ता निकालकर उसे नीचा दिखाया जाए, हंसी उड़ाई जाए। इसी चक्कर में बसों को अब तक यूपी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।