वीरों की भूमि हिंदुस्तान में दो “वीर” आजकल काफ़ी चर्चे में चल रहे हैं। एक आज़ादी से पहले के वीर, एक आज़ादी के बाद के वीर। ये दो वीर हैं “वीर सावरकर” और “वीर दास”।
वीरों की भूमि हिंदुस्तान में दो “वीर” आजकल काफ़ी चर्चे में चल रहे हैं। एक आज़ादी से पहले के वीर, एक आज़ादी के बाद के वीर। ये दो वीर हैं “वीर सावरकर” और “वीर दास”।
स्टैंड अप कॉमेडियन वीर दास ने अमेरिका में एक ऐसी कविता गा दी है कि उससे कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि उन्होंने देश का नाम ख़राब कर दिया है। वीर दास ने कविता में मोटा-माटी कहा कि भाई देश में आज़ादी नहीं है, इससे आहत होकर कुछ लोगों ने उनके ख़िलाफ़ FIR करवा दी, और खूब नारे भी लगाए कि ऐसे कैसे कह दिया कि देश में आज़ादी नहीं है, इसको तुरंत पकड़कर जेल में डालो, देशद्रोही कहीं का।
वैसे, लोग अब इस ऊहापोह में हैं कि ये वाला वीर भी कहीं उन वाले वीर की तरह “सॉरी वीर” तो नहीं निकलेगा। और कहीं एक माफ़ी पत्र न लिख दे।