दिल्ली की सीमाओं पर किसान आज भी पहले की तरह डटे हैं। 26 अगस्त को आंदोलन को 9 महीने पूरे हो गए। इस दौरान सरकार और उसके साथी कॉरपोरेट ने किसान आंदोलन को ख़त्म कराने की काफ़ी कोशिशें कीं लेकिन कामयाब नहीं हुए। किसान तीन कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मुख्य मांगों से टस से मस नहीं हुए हैं, अलबत्ता सरकार ज़रूर पसीना-पसीना है।
न्यूज़क्लिक के अपने कार्टून स्तंभ ‘कार्टून क्लिक’ में कार्टूनिस्ट इरफ़ान किसानों के इस आंदोलन, उनके जज़्बे, उनकी हिम्मत और हौसले को सलाम कर रहे हैं।
इसे आंदोलन की मजबूती को देखकर शायर जिगर मुरादाबादी का शेर याद आता है :-
हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं