बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज पुण्यतिथि है और आज ही बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है। इस तरह देखा जाए तो आज का दिन हमारे देश, हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज पुण्यतिथि है और आज ही बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है, यानी जिस दिन 1956 में संविधान निर्माता बाबा साहेब ने इस दुनिया से विदाई ली, उसी दिन 1992 में उनके बनाए संविधान को रौंदने की कोशिश की गई। और आज भी इसी की कोशिश है। वह चाहे “मथुरा-काशी चलो” के नाम पर हो या संविधान की प्रस्तावना में बदलाव के लिए प्राइवेट बिल पेश करके। इस तरह देखा जाए तो आज का दिन हमारे देश, हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। कार्टूनिस्ट इरफ़ान इसी को अपने कार्टून के माध्यम से इंगित कर रहे हैं जिसमें एक बच्चा बाबा साहेब से कह रहा है कि “ बाबा ज़ोर से पकड़ना संविधान, वो लोग इसी तरफ़ आ रहे हैं”।