एक चुनाव की ख़ातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साइकिल को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश आमतौर पर पसंद नहीं की जा रही है। आपको बता दें कि रविवार को उत्तर प्रदेश के हरदोई और उन्नाव की जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद धमाकों का ज़िक्र करते हुए समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल को आतंकवाद से जोड़ा। उन्होंने कहा कि “इनका जो चुनाव चिह्न साइकिल है उस पर अहमदाबाद में बम रखे गए थे, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। मैं हैरान हूं कि आतंकियों ने साइकिल को क्यों पसंद किया।”
इस टिप्पणी को आम लोगों ने भी पसंद नहीं किया है। क्योंकि साइकिल आम लोगों की सवारी है और इसे इस तरह आतंकवाद से जोड़ना सही नहीं समझा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मोदी जी फिर कूकर के बारे में क्या कहेंगे। और कार के बारे में! आतंकियों ने तो अपनी आतंकी घटनाओं के लिए हवाई जहाज तक का प्रयोग किया है। इसके अलावा मालेगांव ब्लास्ट में मोटरसाइकिल का प्रयोग किया गया था और उसकी आरोपी प्रज्ञा सिंह आज भाजपा की सांसद हैं। (हालांकि मोदी जी ने उन्हें दिल से माफ़ नहीं किया है!)
लोग साइकिल को लेकर अपनी फीलिंग भी शेयर कर रहे हैं। क्योंकि साइकिल हर किसी से ख़ासकर हर किसी के बचपन से जुड़ी है। इसके अलावा मज़दूर-कामगार के लिए तो आज भी साइकिल ही उनकी मोटरसाइकिल या कार है।
समाजवादी पार्टी ने भी इसे लेकर भाजपा पर प्रहार किया। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया-
“खेत और किसान को जोड़ कर उसकी समृद्धि की नींव रखती है, हमारी साइकल,
सामाजिक बंधनों को तोड़ बिटिया को स्कूल छोड़ती है, हमारी साइकल
महंगाई का उसपर असर नहीं, वो सरपट दौड़ती है, हमारी साइकल,
साइकल आम जनों का विमान है, ग्रामीण भारत का अभिमान है, साइकल का अपमान पूरे देश का अपमान है।”