पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल और इस्लामिक देश है। अब संकट में फंसे इमरान ख़ान के सामने यही मुश्किल है कि वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए कौन से कार्ड का इस्तेमाल करें। व्यंग्य में कहें तो इमरान यही सोच रहे होंगे कि काश! उनके यहां भी हिंदू-मुस्लिम कार्ड चल जाता।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट जारी है। अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में बड़ी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने परवेज मुशर्रफ, नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो समेत पूरे विपक्ष को निशाने पर लिया। साथ ही कहा कि पुरानी सरकारों के करतूतों की किस्ते वह चुका रहे हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सहयोगी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (PML-Q) ने रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में किसी भी निर्णय पर आने से पहले सलाह के लिए और समय मांगा है।
8 मार्च के बाद से पाकिस्तानी पीएम पर संकट के बादल घिरे हुए हैं। तब विपक्षी दलों के नेशनल असेंबली सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस नोटिस के बाद से ही पाकिस्तान में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।