बंगाल चुनाव में तो तोलाबाज़ शब्द ख़ूब जोरशोर से चल रहा है, लेकिन शुरू से ही विवादो में रहे रफ़ाल विमान की ख़रीद को लेकर एक और खुलासा हुआ है। फ्रांसीसी प्रकाशन 'मीडियापार्ट' ने फ्रांस की भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंसी द्वारा की गई जांच के हवाले से यह आरोप लगाया है कि रफ़ाल के निर्माता दसॉ ने भारत और फ्रांस के बीच 36 विमानों का सौदा हो जाने के तुरंत बाद भारत में एक बिचौलिये को एक मिलियन यूरो (10 लाख यूरो) का भुगतान किया था।
फ्रांसीसी लड़ाकू विमान रफ़ाल के निर्माता दसॉ ने भारत और फ्रांस के बीच 36 विमानों का सौदा हो जाने के तुरंत बाद भारत में एक बिचौलिये को एक मिलियन यूरो (10 लाख यूरो) का भुगतान किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी प्रकाशन 'मीडियापार्ट' ने फ्रांस की भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंसी द्वारा की गई जांच के हवाले से यह आरोप लगाया है। पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस बिचौलिये पर भारत में एक अन्य रक्षा सौदे में मनी-लॉन्डरिंग करने का आरोप भी लगा है। दसॉ ने कथित रूप से दावा किया है कि रकम का इस्तेमाल राफेल जेट की 50 नकल बनाने के लिए भुगतान में किया गया था।