शायर कैफ़ भोपाली ने कहा था, “आग का क्या है, पल दो पल में लगती है/ बुझते बुझते एक ज़माना लगता है”, देश की राजनीति में आज यही नज़ारा है। अब वो दिल्ली हो या बंगाल आग तो लग चुकी है...
शायर कैफ़ भोपाली ने कहा था, “आग का क्या है, पल दो पल में लगती है/ बुझते बुझते एक ज़माना लगता है”, देश की राजनीति में आज यही नज़ारा है। अब वो दिल्ली हो या बंगाल आग तो लग चुकी है, अब किसने लगाई, क्यों लगाई इसपर बहुत बहस और चर्चा की गुंजाईश नहीं बची है। लेकिन हक़ीक़त यही है कि आग लग चुकी है और इसी को लेकर राहत इंदौरी ने चेताया था कि “लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहां पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है”, लेकिन बहुत लोगों को लगता था या अब भी लगता है कि यहां हमारा मकान थोड़ी है! अब सबके मकान, सबके हाथ जलने लगे हैं, लेकिन अब भी इसे बुझाने की कम भड़काने की ज़्यादा कोशिशें दिखाई देती हैं।
ख़ैर ताज़ा मसला बंगाल का है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हिंसक हमले की पृष्ठभूमि में केंद्र को रिपोर्ट भेज दी है। इसी के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 14 दिसंबर को तलब किया है। हालांकि दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर हुए कथित हमले या चढ़ाई पर अभी किसी चिंता या किसी सख्त एक्शन की खबर नहीं है। टेलीविज़न में भी नहीं। हालांकि मानने वाले यह भी मानते हैं कि ये सब प्रायोजित है।