वैसे ये हर चुनाव की बात है। लेकिन ये संयोग नहीं प्रयोग होता है। चुनावी रणनीति होती है कि कैसे मतदाता को अंतिम समय तक प्रभावित किया जाए। इसे ही बिहार में आज़माया जा रहा है। एक तरफ़ पहले चरण का मतदान जारी है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का सीधा प्रसारण चल रहा है। परोक्ष रूप से यह चुनाव आचार संहिता में सेंध लगाना ही है।
वैसे ये हर चुनाव की बात है। कई चरणों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हर बार यही होता है कि एक तरफ़ मतदान चलता रहता है और दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री की लाइव रैली चलती रहती है। हालांकि ये संयोग नहीं प्रयोग होता है। चुनावी रणनीति होती है कि कैसे भी मतदाता को अंतिम समय तक प्रभावित किया जाए। इसे ही बिहार में आज़माया जा रहा है। एक तरफ़ पहले चरण का मतदान जारी है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का सीधा प्रसारण चल रहा है। चोर दरवाज़े से यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन ही है। परोक्ष रूप से आचार संहिता में सेंध लगाना। वैसे तो संवैधानिक नैतिकता यही कहती है कि मतदान के दिन भले ही दूसरा इलाका हो लेकिन प्रधानमंत्री, गृहमंत्री स्तर के व्यक्ति की रैली नहीं होनी चाहिए। लेकिन कौन कहे और कौन सुने....जिन्हें सुनना है, सोचना है, करना है, जब वही यही सब करते हैं।