NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: क्या कुछ चर्चा महंगाई और बेरोज़गारी पर भी हो जाए
सच तो ये है कि परीक्षा पर चर्चा अध्यापकों का काम होना चाहिए। ख़ैर हमारे प्रधानमंत्री जी ने सबकी भूमिका खुद ही ले रखी है। रक्षा मंत्री की भी, विदेश मंत्री की और राज्यों के चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री की भी। इसी तरह वे शिक्षक भी हैं और अभिभावक भी। बस एक ही गड़बड़ है कि जो काम वाकई उनके जिम्मे है देश की अर्थव्यवस्था संभालने का, महंगाई कम करने का, रोज़गार उपलब्ध कराने का बस वह वही नहीं कर रहे। उसके अलावा हर काम वे बखूबी निभाते हैं।
आज का कार्टून
01 Apr 2022
covid

सच तो ये है कि परीक्षा पर चर्चा अध्यापकों का काम होना चाहिए। ख़ैर हमारे प्रधानमंत्री जी ने सबकी भूमिका खुद ही ले रखी है। रक्षा मंत्री की भी, विदेश मंत्री की और राज्यों के चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री की भी। कोविड में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर डॉक्टर-वैज्ञानिक की भूमिका इस तरह निभाई कि किसी के लिए करने को कुछ और बचा ही नहीं था। सिवाय ताली और थाली बजाने के। इसी तरह वे शिक्षक भी हैं और अभिभावक भी। हालांकि अभिभावकों की चिंता यह है कि मोदी जी यह क्यों नहीं बताते कि इस देश में सबको समान शिक्षा क्यों नहीं मिल पाती। समान नागरिक सहिंता की वकालत करने वाले सबसे पहले समान शिक्षा नीति क्यों नहीं लागू करते।

इसके अलावा छात्र और अभिभावक पूछते हैं कि सरकार के कितने कम और कैसे स्कूल हैं यह सबको पता है, सिवाय सरकार के। तो पहले इस पर चर्चा कर इसे क्यों नहीं ठीक किया जाता। बच्चा कहां पढ़े, कैसे पढ़े इसका इंतज़ाम हो तभी तो परीक्षा पर चर्चा हो।

हाईस्कूल-इंटरमीडियट से पहले और उसके बाद भी यही सवाल सबके सामने खड़ा रहता है कि आगे बच्चे को कहां एडमिशन मिलेगा, कैसे मिलेगा। प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों की फीस कितनी है, और इसके बाद भी एडमिशन कितना मुश्किल है, क्या इस पर चर्चा की भी सरकार को कभी फुर्सत मिलेगी। और सबसे ज़रूरी सवाल ये कि पढ़-लिखकर एक विद्यार्थी का क्या बनेगा। आज की दुनिया के हिसाब से। उसके लिए जॉब कहां हैं, नौकरी कहां हैं। हो सकता है वे कह सकते हैं कि पहले 12वीं करके इंटर कीजिए, लैपटॉप लीजिए और फिर पकौड़े तलिए।

हालांकि चलिए आपको यह भी बता दें कि मोदी जी ने आज परीक्षा पे चर्चा में क्या कहा।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव न लेने की सलाह दी और कहा कि विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि यह जीवन का एक सहज हिस्सा है और पूर्ववर्ती परीक्षाओं में भी तो उन्होंने ही सफलता हासिल की है। मोदी ने अभिभावकों व शिक्षकों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने अधूरे सपने व अधूरी आकांक्षाएं बच्चों पर न थोपें।

‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण के दौरान बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों से संवाद करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी कोई अभिशाप नहीं है, इसका प्रभावी तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि कुछ छात्रों का कहना है कि ये सवाल भी स्क्रिप्टेड यानी पहले से ही तय रहते हैं।

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
Pariksha pe Charcha
Narendra modi
Inflation
unemployment

Related Stories

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • Environment
    टिकेंदर सिंह पंवार
    कॉर्पोरेट के फ़ायदे के लिए पर्यावरण को बर्बाद कर रही है सरकार
    31 Jan 2022
    कई परियोजनाओं को बहुत तेज़ी से पर्यावरण मंज़ूरी दी जा रही है।
  • Gandhi ji
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो
    30 Jan 2022
    लोककवि रसूल मियां (1872-1952), गांव- जिगना मजार टोला, जिला- गोपालगंज, बिहार। कविता कोश के परिचय के अनुसार भोजपुरी के शेक्सपियर नाम से चर्चित भिखारी ठाकुर, नाच या नौटंकी की जिस परम्परा के लोक कलाकार…
  • Gandhi ji
    न्यूज़क्लिक टीम
    महात्मा गाँधी, सावरकर और गोडसे
    30 Jan 2022
    'इतिहास के पन्ने मेरी नज़र से' के इस एपिसोड में नीलांजन बात करते हैं इतिहासकार अशोक पांडे से। 30 जनवरी को गाँधी जी की हत्या कर दी गयी थी। ये दोनों गाँधी, सावरकर और गोडसे के बारे में चर्चा करते हैं और…
  • Buddhadev
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे पीछे: बुद्धदेब बाबू को पद्मभूषण क्यों? पेगासस पर फंस गई सरकार और अन्य
    30 Jan 2022
    'ख़बरों के आगे-पीछे' के इस अंश में बीते हफ़्ते ख़बरों की दुनिया में क्या कुछ हुआ, इस पर राय रख रहे हैं अनिल जैन।
  • liquor
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: शराब भली चीज है, जी भर के पीजिए!
    30 Jan 2022
    शराब जब वोट डालने से एक दो दिन पहले पिलाई जाये तो वह वोटर पटाने के लिए होती है पर जब उसका बंदोबस्त पूरे पांच साल के लिए किया जाये तो वह शराब और शराबियों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए ही होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License