वेबसीरीज़ तांडव जब से रिलीज़ हुई है, तब से ही धर्म के तथाकथित रक्षकों ने वेबसीरीज़ के निर्देशक और लेखक के ख़िलाफ़ तमाम एफ़आईआर दर्ज कर दी हैं। गोदी मीडिया ने भी इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाया है। कुल मिलाकर वेबसीरीज़ ‘तांडव’ की आड़ में ज़रूरी मुद्दे छिपाने की एक बार फिर कोशिश की गई है।
तांडव से दिक़्क़त क्या है? उसने हिन्दू देवी देवताओं का मज़ाक़ उड़ाया? नहीं यार! तो उसने सामाजिक ताने बाने को नुक़सान पहुँचाया? अरे नहीं यार! फिर क्या दिक़्क़त है? यार दिक़्क़त यह है, कि तांडव ने सब सच दिखा दिया है यार!
तो यही दिक़्क़त है तांडव से, और तांडव पर एफ़आईआर कर के, असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साज़िश भी कौन कर रहा है, यह भी हम जानते हैं। किसानों का आंदोलन, अर्नब का चैट लीक, सरकार की नाकामी, इस सब से ध्यान भटकाने के लिए किसकी ज़रूरत थी? तांडव की! चलो एफ़आईआर करने...